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अकबर विदेशी, विधर्मी नहीं था : राकांपा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महाराणा प्रताप और बादशाह अकबर की तुलना किए जाने और इसके लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों के लिए योगी की निंदा की

अकबर विदेशी, विधर्मी नहीं था : राकांपा
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लखनऊ। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महाराणा प्रताप और बादशाह अकबर की तुलना किए जाने और इसके लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों के लिए योगी की निंदा की।

पार्टी ने कहा कि सार्वजनिक मंचों से ऐसी तुलना बहुधर्मी, बहुभाषी बहुसांस्कृतिक भारत की मूल अवधारणा के खिलाफ है। अकबर विदेशी, विधर्मी नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की माटी में पला बढ़ा बादशाह था। महाराणा प्रताप और अकबर में इस तरह की तुलना भारतीय समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा। योगी सिर्फ गोरक्षधाम पीठ के महंत नहीं, अब संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उन्हें समाज को बांटने वाले बयान देने से बचना चाहिए।

राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि इतिहास में महाराणा प्रताप का स्थान बहुत ऊंचा है और आज भी भारतवासियों के हृदय में उनका सम्मान अपना स्थान बनाए हुए है जो कभी नहीं मिट सकता। अकबर को भी हम विदेशी नहीं कह सकते, और विधर्मी कहकर उसका अपमान नहीं कर सकते। वह समय ही ऐसा था कि अपना साम्राज्य बढ़ाने के लिए राजाओं में संघर्ष और युद्ध हुआ करता था। पूरे विश्व का इतिहास इस बात का गवाह है।

डॉ. दीक्षित ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा एक पत्रिका के विमोचन पर जो व्याख्यान दिया गया, वह अति निंदनीय है। आज उस प्रदेश का मुख्यमंत्री ऐसा अलगाववादी और नफरत भरे बयान दे रहे हैं जिस प्रदेश के ही आगरा से अकबर का शासन चलता था।

उन्होंने कहा कि अकबर और उसके पिता भारत में ही जन्मे और पले-बढ़े। अकबर ने सदैव 'सर्वधर्म समभाव' की पताका लहराई और जो भी शासन व्यवथा कायम की, वह भारतवासियों के कल्याण के लिए थी, न कि किसी धर्म विशेष के लिए। योगी को अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए इतिहास के तथ्यों को तोड़ना-मरोड़ना नहीं चाहिए। इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।

डॉ. दीक्षित ने कहा कि बादशाह अकबर देश की संपदा, संपत्ति कभी देश से बाहर नहीं ले गया और ना ही लूटा, जो बनाया यहीं के लिए बनाया। अकबर ने देश को बनाने का काम किया और हिंदुस्तान की सरहद का फैलाव किया। अकबर के मंत्री टोडर मल्ल ने देश में पहली बार जमीन को अधिकारिक रूप से मापने और आधिकारिक रूप से दस्तावेजों में दर्ज करने का काम किया।

उन्होंने कहा कि कमाल की बात है कि जिन अंग्रेजों ने देश को लूटा, यहां की संपदा बाहर ले गए, उसके बारे में योगी-मोदी सरकार कभी कुछ नहीं कहती। योगी-मोदी के संघ परिवार ने कभी भी अंग्रेजों के खिलाफ कुछ नहीं बोला, बल्कि आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया, स्वतंत्रता सेनानियों की गुप्त सूचनाएं अंग्रेजों को देकर वजीफा पाता रहा। आजादी की लड़ाई में देश के साथ गद्दारी करने वालों का आज जोर-जोर से खुद को राष्ट्रवादी कहना हास्यास्पद है।

दीक्षित ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री बताएंगे कि किसी देश के नागरिक होने के लिए कितनी पीढ़ियों का वास होना आवश्यक है? अकबर यहीं पैदा हुआ और इसी मिट्टी में खप गया, न ही उसने यहां की संपदा को लूटा और न ही मंगोल ले गया।

उन्होंने कहा, "क्या अकबर के नवरत्नों में हिंदू नहीं थे? क्या अकबर के महल और दरबार में जन्माष्टमी नहीं मनाई जाती थी? अकबर तुर्क नहीं, मुगल वंश से था, मुख्यमंत्री को अपने इतिहास-ज्ञान को भी दुरुस्त करने की जरूरत है।"

डॉ. दीक्षित ने कहा कि आज भारत को सांप्रदायिक शक्तियां नफरत के भाड़ में झोंकना चाहती हैं, मुख्यमंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए कि दुनिया में यह संदेश जाए कि भारत फासीवाद की तरफ बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने कहा, "भारत संसार का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और इसे बचाए रखना हम सब का धर्म है। मुख्यमंत्री के ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घोर निंदा करती है।"


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