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अकाली नेता तोता सिंह का 80 साल की उम्र में निधन

अकाली नेता और पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री तोता सिंह का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद चंडीगढ़ में निधन हो गया

अकाली नेता तोता सिंह का 80 साल की उम्र में निधन
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चंडीगढ़। अकाली नेता और पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री तोता सिंह का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद चंडीगढ़ में निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। वह 80 वर्ष के थे। सिंह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के मौजूदा सदस्य थे। वह पिछले साल निमोनिया से पीड़ित हो गए थे, जिसने उनके फेफड़ों को संक्रमित कर दिया था।

तोता सिंह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भरोसेमंद व्यक्ति थे और उन्हें सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से ही अंग्रेजी को अनिवार्य विषय बनाने का श्रेय दिया जाता है।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने मीडिया को बताया कि वह लीवर की बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले कुछ दिनों से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे।

तोता ने दो बार मोगा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और एक बार धर्मकोट से चुने गए।

पांच बार के मुख्यमंत्री और शिअद संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने अपने लंबे समय के सहयोगी के निधन पर दुख व्यक्त किया।

बादल ने एक बयान में कहा, "जत्थेदार तोता सिंह जी के निधन से सामान्य तौर पर पंजाबियों और विशेष रूप से खालसा पंथ ने एक मजबूत पंथिक आवाज खो दी है, जो महान गुरु साहिबान द्वारा हमारे सामने रखे गए सिद्धांतों और आदर्शो के प्रति प्रतिबद्धता में हमेशा अटल रही।"

उन्होंने कहा, "शिरोमणि अकाली दल हमेशा उस अथक भावना से प्रेरित और निर्देशित रहेगा, जिसके साथ जत्थेदार तोता सिंह ने हमेशा खालसा पंथ और पंजाब के लोगों के लिए अत्याचारी और भेदभावपूर्ण पंथ विरोधी ताकतों द्वारा पेश की गई सबसे कठिन चुनौतियों का सामना किया।"

बादल ने दिवंगत अकाली दिग्गज के साथ अपने लगभग आधी सदी के जुड़ाव को याद करते हुए कहा, "जत्थेदार साहिब एक अथक योद्धा थे और हमेशा सिखों, पंजाब और पंजाबियों के हितों की रक्षा के लिए बलिदान देने की पेशकश करने वालों में से थे।"

उन्होंने आगे कहा, "पंजाब की एकता एवं शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के आदशरें के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने इस संबंध में मेरी अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करना जारी रखा।"

बादल ने याद किया कि 1984 की घटनाओं से समुदाय के बुरी तरह प्रभावित होने के बाद खालसा पंथ की महिमा को पुन: प्राप्त करने के लिए अकाली दल के अथक प्रयासों में तोता सिंह ने एक प्रमुख भूमिका निभाई।

शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी तोता सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके निधन की खबर से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है।

दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को चिरशांति और परिवार को यह दुख सहने की शक्ति मिले।


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