अजय सिंह ने किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर मोदी को लिखा पत्र
किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में पिछले कई दिन से चल रहे किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।
नेता प्रतिपक्ष कार्यालय की ओर से आज यहां जारी विज्ञप्ति के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में किसानों के बीच व्याप्त आक्रोश को देखते हुए वहां भी मंदसौर जैसे हालात पैदा होने की आशंका है।
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) की वादाखिलाफी को लेकर पिछले 15 दिन से किसान आंदोलित हैं, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एकात्म यात्रा में व्यस्त हैं।
इस बारे में सिंह ने प्रधानमंत्री, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर किसानों को न्याय दिलाने की मांग की है।
विज्ञप्ति के अनुसार सिंह ने पत्र में लिखा है कि गाडरवारा में 3200 मेगावाट क्षमता के नेशनल थर्मल पावर प्लांट के स्थापना के लिए एनटीपीसी ने किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी।
उन्हें पर्याप्त कीमत देने का वादा किया था।साथ ही प्लांट में किसान के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी वादा किया था लेकिन एनटीपीसी ने किसानों को धोखा दिया।
सिंह ने चेताया कि इससे किसानों में जिस तरह से आक्रोश बढ़ रहा है, इससे वहां मंदसौर जिले के हाटपिपल्या जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
सिंह ने कहा कि एनटीपीसी के प्लांट को बनते हुए लगभग 3 साल हो चुके हैं लेकिन उनके द्वारा किए किसी वादे का पालन नहीं किया गया।क्षेत्र के सैकड़ों किसान अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।किसान आक्रोशित हैं और न्याय के लिए किसी हद तक जाने को तैयार हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से आग्रह किया है कि स्थिति को विस्फोटक होने से बचाने के लिए आप एनटीपीसी पर दबाव डालें और केन्द्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप कर किसानों को न्याय दिलाने के लिए कहें।
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में पिछले साल छह जून को आंदोलनकारी किसान उग्र हो गए थे, जिसके बाद पुलिस की गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गई थी।
किसानों ने जून महीने की शुरुआत से अपनी मांगों के समर्थन में प्रदेश के कई हिस्सों में आंदोलन किया था, जिसने हिंसक रूप ले लिया था।


