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सर्वश्रेष्ठ डिजाइन व प्रदर्शित स्टैंड को मिला अजय शंकर पुरस्कार

इंडिया एक्सपो मार्ट में चल रहे पांच दिवसीय आईएचजीएफ-दिल्ली मेला वसंत के 45वें संस्करण का समापन हो गया, ईपीसीएच के अध्यक्ष ओपी. प्रह्लादका ने बताया इस दौरान 2700 करोड़ रुपए की बिजनेस पूछताछ की गई

सर्वश्रेष्ठ डिजाइन व प्रदर्शित स्टैंड को मिला अजय शंकर पुरस्कार
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ग्रेटर नोएडा। इंडिया एक्सपो मार्ट में चल रहे पांच दिवसीय आईएचजीएफ-दिल्ली मेला वसंत के 45वें संस्करण का समापन हो गया, ईपीसीएच के अध्यक्ष ओपी. प्रह्लादका ने बताया इस दौरान 2700 करोड़ रुपए की बिजनेस पूछताछ की गई।

प्रह्लादका ने बताया कि साल में दो बार आयोजित होने वाले इस मेले ने देश से हस्तशिल्प के निर्यात की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेले के शुरुआती साल 1994-95 में हस्तशिल्प का निर्यात 3159.62 करोड़ था जो 2016-17 में बढ़कर 24,392.39 करोड़ पर पहुंच गया है.

निर्यात व्यापार ने अपनी पहुंच और दायरे में काफी वृद्धि की है। पांच दिवसीय भव्य मेले में 111 देशों के 5300 विदेशी खरीदार और बड़ी संख्या में घरेलू खुदरा खरीदार होम, लाइफस्टाइल, फैशन और टेक्सटाइल उत्पादों की अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए पहुंचे।

मेले के समापन पर कपड़ा राज्य मंत्री अजय टमटा ने सर्वश्रेष्ठ डिजाइन और प्रदर्शित स्टैंड के लिए छह उत्पाद वर्गों, जैसे फर्नीचर, फर्नीटर हार्डवेयर व होम एक्सेसरीज, फैशन जूलरी और एक्सेसरीज, लैंप लाइटिंग और एक्सेसरीज, होम, टेक्सटाइल, फर्नीशिंग और लोर कवरिंग, क्रिसमस डेकोरेटिव और फेस्टिव डेकोर, हाउसवेयर, टेबल किचनवेयर और होटलवेयर, में प्रतिष्ठित अजय शंकर मेमोरियल पुरस्कार भी दिए गए।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि पहले, इस तरह के मेले को साल में दो बार आयोजित कर और दूसरे, कारीगरों व शिल्पकारों को उत्पाद और डिजाइन विकास सुविधा, बड़ी मात्रा में उत्पादन के लिए तकनीकी का इस्तेमाल और मार्केटिंग लिंकेज स्थापित करने के लिए देश के विभिन्न शिल्प समूहों में मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने के अपने निष्पक्ष प्रयासों के जरिए ईपीसीएच देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ाने की दिशा में शानदार काम कर रही है। अक्टूबर में हुए इस मेले के पिछले संस्करण में 102 देशों के खरीदार शामिल हुए थे, जबकि इस संस्करण में 111 देशों से खरीदार पहुंचे हैं।

मेले की पिछले संस्करण वसंत 2017 में घरेलू और विदेशी मिलाकर कुल 4900 खरीदारों ने शिरकत की थी जिसमें इस संस्करण में अच्छी वृद्धि हुई है, इस बार विदेशी खरीदारों की संख्या 5300 घरेलू खरीदार के साथ पहुंच गयी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में 2016-17 के दौरान 13.15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ हस्तशिल्प का निर्यात 24,392.39 करोड़ रुपए का हुआ।

हालांकि, चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के 10 महीनों के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 19,862 करोड़ रुपए का हुआ और इसके केवल 23,170 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है, यह मेला हस्तशिल्प क्षेत्र के छोटे और मझोले उद्यमियों के निर्यात को बढ़ावा देने का एक प्रमुख मार्केटिंग प्लेटफॉर्म बन गया है।


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