राजधानी में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, आॅड ईवन लाने की योजना
राजधानी दिल्ली में आज लगातार दूसरे दिन वायु प्रदूषण के अति खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने से भवन निर्माण संबंधी गतिविधियों रोक दी गई हैं तथा ट्रकोें का प्रवेश सीमित कर दिया गया है

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आज लगातार दूसरे दिन वायु प्रदूषण के अति खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने से भवन निर्माण संबंधी गतिविधियों रोक दी गई हैं तथा ट्रकोें का प्रवेश सीमित कर दिया गया है। इसके अलावा सभी स्कूलों को 11 नवंबर तक बंद रखने के आदेश दे दिए गए हैं।
राजधानी में जहरीले धुुएं की चादर ने लाेगों का जीना बेहाल कर दिया है आैर इसे देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से बने हालात को ‘मेडिकल आपात स्थिति’ करार दिया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक ऐसे ही हालात बने रहने का अंदेशा जताया है।
दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने परिवहन विभाग को ऑड ईवन योजना के लिए तैयार रहने को कहा है और अावश्यक वस्तुओं को लेकर आने वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों के दिल्ली की सीमा में प्रवेश पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी गई हैं। दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण के जहरीले स्तर को देखते हुए 12 नवंबर तक सभी स्कूलों और कक्षाओं को बंद करने का फैसला किया है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज ट्वीट कर कहा,“दिल्ली में हवा की स्थिति बिगड़ रही है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता। रविवार तक दिल्ली के सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं।”
उन्होंने कहा कि इस आदेश के तहत दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूल, सभी कक्षाएं 12 नवंबर तक बन्द रहेंगे। एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से बने हालात को ‘मेडिकल आपात स्थिति’ करार दिया है। उन्होेने बताया कि इस मौसम में संस्थान के ओपीडी तथा आईसीयू में मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ गई है। जिन लोगों को श्वांस और दिल की बीमारी है वे इस मौसम से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बच्चों को इसके कारण फेफड़ों तथा अन्य तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं जो उनके लिए खतरनाक हो सकती है।
दिल्ली के वायु प्रदूषण को धीरे धीरे जान लेवा वाला करार देते हुए उन्होंने कहा कि इस मौसम में हवा में सल्फर तथा नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे श्वासं लेने में तकलीफ होती है।


