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एयर इंडिया हादसा: 270 मौतों के बाद मातम, गुस्सा और सवाल

गुजरात के अहमदाबाद शहर में गुरुवार को हुए विमान हादसे के तीन दिन बाद भी मातम और बेचैनी का माहौल कायम है. लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने से अब तक कम से कम 270 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है

एयर इंडिया हादसा: 270 मौतों के बाद मातम, गुस्सा और सवाल
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गुजरात के अहमदाबाद शहर में गुरुवार को हुए विमान हादसे के तीन दिन बाद भी मातम और बेचैनी का माहौल कायम है. लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने से अब तक कम से कम 270 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.

सैकड़ों परिवारों के लिए अहमदाबाद विमान हादसा सिर्फ एक तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि जीवनभर का दर्द है. हर जलता चेहरा, हर सूनी आंखें, हर अधूरा सपना इस त्रासदी की भयावहता को बयान करता है.

विमान में कुल 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक ब्रिटिश नागरिक ही चमत्कारिक रूप से जीवित बच पाया. इसके अलावा कम से कम 38 लोग जमीन पर मारे गए, जब विमान मेडिकल कॉलेज के कैंटीन पर गिरा.

"अब कुछ नहीं बचा…”

अपने बेटे और बहू को दो साल बाद पहली बार देखने वाले अनिल पटेल की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे. उन्होंने कहा, "दो साल बाद मेरे बच्चे मुझे सरप्राइज देने आए थे. ये हमारे लिए खुशी का वक्त था. और अब, कुछ नहीं बचा.”

पटेल के जैसे सैकड़ों परिवारों की खुशियां अचानक उजड़ गईं. अस्पतालों के बाहर भीड़ लगी है. हर किसी को अपनों के शव की शिनाख्त और अंतिम संस्कार का इंतजार है.

15 साल के चाय बेचने वाले आकाश पटनी हादसे के वक्त पेड़ की छांव में सो रहे थे. उनकी मां कल्पेश पटनी ने कहा, "वो मेरी आंखों के सामने जल गया. मैं उसके बिना कैसे जिऊंगी?”

काइनल मिस्त्री, एक युवा शेफ थीं जो लंदन में काम करती थीं. वह छुट्टियों में भारत आई थीं. उनके पिता सुरेश मिस्त्री ने कहा, "उसने अपनी फ्लाइट कुछ दिन के लिए टाल दी थी ताकि हमारे साथ और वक्त बिता सके. अगर वह पहले चली जाती, तो शायद जिंदा होती.”

25 वर्षीय जूनियर डॉक्टर मोहित चावड़ा उस कैंटीन में खाना खा रहे थे, जिस पर विमान का अगला हिस्सा गिरा. वह बताते हैं, "धुएं से कुछ दिख नहीं रहा था. हमें समझ ही नहीं आया कि कौन कहां बैठा है. जैसे-तैसे भाग कर जान बचाई.”

शवों की पहचान में देरी से परिजन नाराज

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, अब तक 270 शव अस्पताल लाए गए हैं. ज्यादातर शव "बुरी तरह जले हुए" हैं, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो रही है.

डॉ. धवल गमेती ने बताया कि "डेंटल रिकॉर्ड और डीएनए प्रोफाइलिंग से पहचान की जा रही है. प्रक्रिया तेज की गई है, लेकिन 72 घंटे लग सकते हैं."

लेकिन यह देरी परिजनों को बेचैन कर रही है. चार परिजनों को खोने वाले रफीक अब्दुल हफीज मेमन ने रोते हुए कहा, "हम अपने बच्चों की लाशें ढूंढ़ रहे हैं, पर कोई जवाब नहीं दे रहा. कुछ तो बताएं, कब मिलेंगे हमारे बच्चे?”

हादसे की जांच शुरू हो गई है. विमान का ब्लैक बॉक्स एक नजदीकी इमारत की छत से बरामद हुआ है. भारत का विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) डेटा निकालने की कोशिश कर रहा है. ब्रिटेन के इंजीनियर पॉल फ्रॉम ने बताया, "फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से पता चलेगा कि इंजन, फ्लैप्स, लैंडिंग गियर और तापमान जैसे कारकों में कोई गड़बड़ी तो नहीं थी.”

एयर इंडिया पर संकट की छाया

2022 में टाटा ग्रुप द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद यह सबसे बड़ा संकट है. टाटा के चेयरमैन ने शुक्रवार को कहा, "हम समझना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ, पर इस वक्त हमारे पास जवाब नहीं हैं.”

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर फ्लाइट टेकऑफ के समय वजन, तापमान या फ्लैप्स सेटिंग में कोई गलती हुई हो, तो हादसे की वजह वही हो सकती है.

दुर्घटनाग्रस्त विमान 12 साल पुराना बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था. यह इस मॉडल की 16 वर्षों में पहली बड़ी दुर्घटना है, जबकि बोइंग हाल के वर्षों में सुरक्षा समस्याओं को लेकर लगातार आलोचना झेलती रही है.

बचने वाले इकलौते ब्रिटिश नागरिक को अब भी निगरानी में रखा गया है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि "वह अब स्वस्थ हैं और जल्द उन्हें छुट्टी मिल सकती है."


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