एयर कार्गो के तौर पर बेहतर साबित होगा जेवर एयरपोर्ट
जेवर में प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट एयर कार्गो के रूप में भी बेहतर साबित होगा

गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद से 51 प्रतिशत माल कार्गों से होता है निर्यात
ग्रेटर नोएडा। जेवर में प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट एयर कार्गो के रूप में भी बेहतर साबित होगा। एयरपोर्ट चालू होने के साथ गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद दो जिले से करीब 51 प्रतिशत माल एयर कार्गो से विभिन्न देशों को निर्यात होने की संभावना है।
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से मालवाहक विमान से जितना माल विभिन्न देशों में निर्यात होता है उनमें 51 प्रतिशत इन दोनों जिलों से होता है।
गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद से कंपनियों को दिल्ली आईजी एयरपोर्ट तक माल भेजने में ट्रांसपोर्ट का खर्च ज्यादा पड़ता है और दूरी भी ज्यादा है। जेवर एयरपोर्ट बनने पर दोनों जिलों में स्थापित कंपनियों के लिए आईजी एयरपोर्ट के बजाय जेवर एयरपोर्ट ज्यादा कारगर साबित होगा।
पीडब्ल्यूसी के सर्वे रिपोर्ट में यह बात निकल आई है। इसलिए जेवर एयरपोर्ट को एयर कार्गो के रूप में साथ-साथ विकसित किया जा रहा है। मंगलवार को दिल्ली में नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान इस पर सहमति बनी कि जेवर एयरपोर्ट को बड़े एयर कार्गो के तौर पर भी विकसित किया जाए।
जेवर एयरपोर्ट का टेक्नो आर्थिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट पीडब्ल्यूसी ने तैयार किया है। पीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि जेवर एयरपोर्ट कार्गो के तौर पर विकसित किया गया तो सबसे ज्यादा राजस्व बढ़ सकता है।
दिल्ली के इदिरा गांधी एयरपोर्ट से मालवाहन विमान से जितना माल विभिन्न देशों को निर्यात किया जाता है उसमें 51 प्रतिशत गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद से होता है। इसमें गौतमबुद्धनगर से 32 फीसदी व गाजियाबाद से 19 प्रतिशत माल जाता है।
इसके अलावा आईजी एयरपोर्ट से कार्गो के तौर पर फरीदाबाद की तीन, रेवाडी का चार, गुरूग्राम का 14, अलवर का पांच, झज्जर का तीन व सोनीपत का एक प्रतिशत हिस्सेदारी है। जिसमें यूरोप 43 प्रतिशत, मध्य एशिया 11 प्रतिशत, ईस्ट एशिया पांच प्रतिशत, साउथ एशिया तीन प्रतिशत, चाइना 27 प्रतिशत, यूएसए 11 प्रतिशत माल इंदिरा गांधी एयरपोर्ट कार्गो से जाता है।
जेवर एयरपोर्ट को 2022 व 2023 में चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। यूरोप, एशिया, चाइना व यूएसए समेत छह देशों के लिए विमान उडान भरेंगे। इन देशों में एयर कार्गों से माल विदेशों में भेजा जा सकेंगे।
माल वाहक विमान से ज्यादातर इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रकल फार्मेंसी व टेक्सटाइल का माल भेजा जाता है। यमुना एक्सप्रेस-वे शहर में पहले से इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग जोन, फार्मेसी हब, टेक्सटाइल क्लस्टर विकसित करने को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो चुके है।
इस तरह की औद्योगिक इकाईयां लगने पर इन्हे जेवर एयरपोर्ट से विदेशों में माल भेजने में आसानी होगी। जब यह इकाईयां चालू हो जाएगी ऐसे में जिले से मालवाहन विमान से माल भेजने की हिस्सेदारी ओर बढ़ जाएगी। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से जब दो जिलों से 51 प्रतिशत माल विदेशों को भेजा रहा है तो आने वाले समय में जेवर एयरपोर्ट से कार्गो की उपयोगिता और बढ़ जाएगी।


