वेतन बढ़ाने को लेकर एम्स के डॉक्टर भूख हड़ताल पर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) के रेजिडेंट डाक्टरों ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन-भत्तों की मांग को लेकर आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु कर दी
नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) के रेजिडेंट डाक्टरों ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन-भत्तों की मांग को लेकर आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु कर दी। एम्स में रेजिडेंट डाक्टर संघ के अध्यक्ष हरजीत सिंह भाटी ने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के मामले में एम्स के डाक्टरों के साथ नाइन्साफी की गयी है। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में अस्पताल के 1700 रेजिडेंट डाक्टर भूख हड़ताल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अपनी मांगो को लेकर उन्होने सप्ताह भर पहले प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। श्री भाटी ने कहा कि हड़ताल से अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी क्योंकि डाक्टर हड़ताल पर रहते हुए भी काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन अस्पताल प्रशासन को यह बता दिया गया है कि भूखे पेट काम करते हुए यदि डाक्टरों की तबियत बिगड़ी या उनके साथ कोई हादसा हो गया तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
रेजिडेंट डॉक्टरों के अनुसार सातवें वेतन आयोग के सिफारिशों को सरकारी कर्मचारियों के लिए पिछले साल ही लागू कर दिया गया था। लेकिन एम्स के डाक्टरों को अभी तक इसका फायदा नहीं दिया गया। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि सरकार देश भर में एम्स के तर्ज पर तो अस्पताल खोल रही है, लेकिन डॉक्टरों को वेतन देने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। यह सब केवल वोट बैंक की राजनीति है। इससे न तो मरीजों का भला होने वाला है और न ही डॉक्टरों का।


