एआईबीईए ने वेतनभोगीयों के आयकर की सीमा बढ़ाने की मांग की
एआईबीईए ने वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये आयकर की सीमा बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपये करने तथा आवास, चिकित्सा और शिक्षा लाभ को इससे अलग किये जाने की वित्त मंत्री अरुण जेटली से मांग की है।

चेन्नई। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ(एआईबीईए) ने वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये आयकर की सीमा बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपये करने तथा आवास, चिकित्सा और शिक्षा लाभ को इससे अलग किये जाने की वित्त मंत्री अरुण जेटली से मांग की है।
एआईबीईए के महासचिव सी वेकटाचलम ने जेटली को लिखे पत्र में कहा है कि साढ़े सात से 12 लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत , 12 से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशित तथा 25 लाख रुपये की आय पर 25 प्रतिशत आयकर दरें निर्धारित की जानी चाहिये।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अगले बजट को अंतिम रुप दिया जा रहा है और इस बजट में आयकर संबंधी सुझावों को विचार विमर्श के लिये प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि धनाड्य लोगों के लिये आयकर स्लैब सार्थक रुप से बढ़ाया जाना चाहिये।
25 लाख और एक करोड़ की बीच की आय तथा एक करोड़ से अधिक आय वाले लोगों के लिये आयकर की दरें क्रमश: 35 और 40 प्रतिशत तय की जानी चाहिये। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र के लिये वित्त मंत्री को सुझाव दिया कि बचतबैंक जमाराशि पर ब्याजदर कम से कम दो अंक बढ़ायी जानी चाहिये तथा सावधि जमा पर मिलने वाले ब्याजदरों को आयकर से मुक्त किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि बैँको को दो प्रतिशत वार्षिक सामान्य ब्याजदर पर कृषि रिण तथा गरीब वर्ग के लोगों को रियायती ब्याजदर पर शिक्षा रिण में भी बढ़ोतरी करनी चाहिये।


