सीपीसी संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की एआईबीए की मांग
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) ने नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) में संशोधन के लिए यथाशीघ्र अध्यादेश लाने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया है

नयी दिल्ली। ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) ने नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) में संशोधन के लिए यथाशीघ्र अध्यादेश लाने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया है, ताकि कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ के कारण हुई क्षति को लेकर चीन को अदालत में घसीटा जा सके।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदेश सी. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रविवार को पत्र भेजकर नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 86 को पुराना करार देते हुए इसमें तत्काल संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का अनुरोध किया है, ताकि कोरोना वायरस प्रयोगशाला में कथित तौर पर तैयार करने एवं इसे फैलाकर लाखों लोगों के जीवन को संकट में डालने के लिए चीन के खिलाफ मुकदमा चलाना आसान हो सके और मुआवजे की मांग की जा सके। पत्र की प्रति विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी भेजी गयी है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने श्री मोदी से कहा है कि सीपीसी की धारा 86 पुरानी है और इसमें तत्काल संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है, बल्कि आर्थिक तौर पर भी भारी नुकसान हुआ है, खासकर देश के 20 लाख वकीलों को कम से कम चालीख खरब रुपये की क्षति उठानी पड़ी है, परंतु सीपीसी में संशोधन न किये जाने के कारण भारतवासी अपनी क्षति के लिए चीन को अदालत में नहीं घसीट सकते।
डॉ. अग्रवाल ने कहा है कि अब समय आ गया है कि संबंधित कानून में संशोधन किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारियां प्राप्त हो रही हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने में चीन का हाथ है। इतना ही नहीं, चीन ने कोविड-19 की प्रकृति और मानव से मानव के बीच इसके संक्रमण आदि को लेकर दुनिया को गुमराह भी किया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह इस मामले की समीक्षा करके यथाशीघ्र सीपीसी के संशोधन के लिए अध्यादेश लाने के आग्रह पर विचार करें।


