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पार्टी कार्यालय पर हमले की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट पहुंचे अन्नाद्रमुक नेता

अन्नाद्रमुक नेता और सांसद सी. वी. षणमुगम ने पार्टी की आम परिषद की बैठक के दिन 11 जुलाई को पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है

पार्टी कार्यालय पर हमले की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट पहुंचे अन्नाद्रमुक नेता
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चेन्नई। अन्नाद्रमुक नेता और सांसद सी. वी. षणमुगम ने पार्टी की आम परिषद की बैठक के दिन 11 जुलाई को पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पूर्व कानून मंत्री की याचिका पर ग्रेटर चेन्नई पुलिस को नोटिस का आदेश दिया। षणमुगम ने अपनी याचिका में कहा है कि ओ. पन्नीरसेल्वम के करीबी गुट ने 11 जुलाई को पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की थी और घटना के दौरान कार्यालय से महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी हो गए थे।

मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार ने अतिरिक्त लोक अभियोजक ई. तिलकराज को नोटिस पर पुलिस से जवाब प्राप्त करने के लिए 25 अगस्त तक का समय दिया।

षणमुगम ने अपनी याचिका में कहा कि अन्नाद्रमुक का गठन 1972 में हुआ था और वह अपने 50 वर्षों में से 32 वर्षों तक सत्ता में रही। याचिकाकर्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के तत्कालीन समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम ने सामान्य परिषद की बैठक के संचालन के खिलाफ अदालत का रुख किया था। बताया गया कि उन्होंने इस डर से अदालत का रुख किया कि सामान्य परिषद में कुछ निर्णय उनके खिलाफ होंगे।

हालांकि, एकल पीठ ने सुबह 9 बजे उनकी याचिका खारिज कर दी और इसके तुरंत बाद सुबह 9.15 बजे, चेन्नई के बाहरी इलाके में वंगाराम के एक हॉल में पार्टी की सामान्य परिषद की बैठक शुरू हुई। सी. वी. षणमुगम ने अपनी याचिका में कहा कि फैसला सुनाए जाने से कुछ मिनट पहले ओ. पन्नीरसेल्वम अपने समर्थकों के साथ अन्नाद्रमुक मुख्यालय पहुंचे और कार्यालय में तोड़फोड़ की।

याचिकाकर्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थकों ने कार्यालय में प्रवेश करने के लिए दरवाजे तोड़ दिए थे और पार्टी के स्वामित्व वाले 37 वाहनों के पंजीकरण पत्र सहित बैंक पासबुक और कई दस्तावेज लूट लिए थे। उन्होंने कहा कि कार्यालय से 31,000 रुपये की छोटी-छोटी नकदी भी लूट ली गई और भीड़ ने कार्यालय में दो वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

सी. वी. षणमुगम ने अपनी याचिका में कहा कि हिंसा को देखते हुए राजस्व विभाग के अधिकारी ने कार्यालय को सील कर दिया था और कहा था कि आरडीओ के आदेश को अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद ही वह पार्टी कार्यालय में प्रवेश पाने में सक्षम होंगे।

अन्नाद्रमुक नेता ने कहा कि उन्होंने सभी घटनाओं का हवाला देते हुए स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन हिंसा और लूट के अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने 23 जुलाई को शिकायत दर्ज की थी लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की, इस तथ्य के बावजूद कि इस तरह की शिकायत से सं™ोय अपराध के तहत कार्रवाई हो सकती है।

तमिलनाडु के पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि पुलिस ने उस पार्टी कार्यालय का दौरा करने की भी जहमत नहीं उठाई, जिसमें तोड़फोड़ की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य पुलिस ओ. पन्नीरसेल्वम का पक्ष ले रही है और इसलिए वह मामले की सीबीआई जांच चाहते हैं।


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