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अहमदाबाद : एनएसजी को पहली बार रथ यात्रा की सुरक्षा में जोड़ा गया

गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में हर साल अषाढी बीज के अवसर पर जमालपुर स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली रथ यात्रा के लिए इस बार पहली बार एनएसजी को भी सुरक्षा प्रबंध से जोड़ा गया है

अहमदाबाद : एनएसजी को पहली बार रथ यात्रा की सुरक्षा में जोड़ा गया
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अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात के सबसे बडे शहर अहमदाबाद में हर साल अषाढी बीज के अवसर पर जमालपुर स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली रथ यात्रा के लिए इस बार पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा कार्ड यानी एनएसजी को भी सुरक्षा प्रबंध से जोड़ा गया है।

आईजी जे के भट्ट ने यूनीवार्ता को बताया कि एनएसजी को पहली बार सुरक्षा व्यवस्था से जोड़ा गया है।

चूंकि इसकी तैनाती नहीं की जाती इसलिए इसे किसी आपात स्थिति के लिए तैयार भर (स्टैंड टू पर) रखा गया है।
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसे इस बार पहली बार सुरक्षा से क्यों जोडा गया है, लेकिन समझा जाता है कि किसी तरह की आतंकी गतिविधि से निपटने के लिए ऐसा किया गया है।

रथयात्रा के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए 21000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं जिनमें 6 जेसीपी, 36 डीसीपी, 80 डीएसपी, 222 पुलिस इंस्पेक्टर, 728 सब इंस्पेक्टर भी शामिल है।

इसके अलावा दंगा निरोधक आरएएफ और अन्य अर्धसैनिक बल को भी तैनात किया गया है।व यात्रा मांर्ग की ड्रोन कैमरों की मदद से हवाई निगरानी की जा रही है।

इस बीच गुजरात भर में आज अषाढी बीज (गुजराती अषाढ माह के दूसरे दिन) के मौके पर रथ यात्राओं की धूम के बीच यहां जमालपुर स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर की 140 वीं वार्षिक रथ यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह मुख्यमंत्री की आेर से यात्रा मार्ग पर सोने का झाडू लगाने तथा भगवान को सोने का चंवर (पंखा) झलने की पहिंद विधि के साथ शुरू हो गयी है।

इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंदिर में सुबह की मंगला आरती में भाग लिया जहां मुख्य पुजारी महंत दिलीप दास ने उन्हें रजवाडी पगडी पहना कर उनका सम्मान भी किया।

भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा के तीन रथों की अगुवाई में 19 हाथियों, 101 रथनुमा ट्रकों, 18 भजन मंडलियों, 30 अखाडाें और सैकडो साधु संतों तथा करतबबाजों और झांकियों वाली रथ यात्रा के जुलूस की लंबाई ही करीब एक किलोमीटर है।

यह भगवान के मौसा के घर सरसपुर जायेगी तथा देर शाम तक वापस निज मंदिर लौटेगी। यात्रा मार्ग की आने जाने की कुल लंबाई करीब 18 किमी है।

इसे देखने के लिए लाखों श्रद्धालु और अन्य लोग सडको पर उमड़ पड़ते हैं।


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