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इजरायल दौरे में प्रमुख मुद्दे होंगे कृषि, जल प्रबंधन

भारत तथा इजरायल के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग पहले से ही प्रगाढ़ है, इसलिए भारतीय प्रधानमंत्री के चार से छह जुलाई के इजरायल दौरे के दौरान कृषि, जल प्रबंधन जैसे क्षत्रों पर बातचीत हो सकती है

इजरायल दौरे में प्रमुख मुद्दे होंगे कृषि, जल प्रबंधन
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नई दिल्ली। भारत तथा इजरायल के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग पहले से ही प्रगाढ़ है, इसलिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चार से छह जुलाई के इजरायल दौरे के दौरान कृषि, जल प्रबंधन, नवाचार तथा स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों पर बातचीत केंद्रित हो सकती है।

साल 2017 दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों का 25वां साल है। भारत के किसी प्रधानमंत्री का यह पहला इजरायल दौरा होगा। सन् 1992 में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद अक्टूबर 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इजरायल का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रपति बने।

इसके बाद नवंबर 2016 में इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन भारत दौरे पर आए। इससे पहले, इजरायल के तत्कालीन राष्ट्रपति एजर विजमान ने जनवरी 1997 में भारत का दौरा किया था, जिसके बाद सितंबर 2003 में प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन भारत के दौरे पर आए थे।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिम एशिया एवं उत्तर अफ्रीका) बी. बाला भास्कर ने मोदी के दौरे से पहले प्रेस वार्ता में कहा, "सहयोग के नए रास्ते तलाशने के अलावा हम अपने द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ और व्यापक करने के लिए लगातार सक्रिय हैं।"

उन्होंने कहा कि इजरायल ने पिछले तीन वर्षो के दौरान भारत की महत्वाकांक्षी योजनाओं मेक इन इंडिया, स्वच्छ गंगा तथा स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया में भागीदारी के लिए 'काफी उत्सुकता' दिखाई है।

कृषि क्षेत्र में जारी सहयोग पर उन्होंने कहा, "इजरायल की मदद से हमने विभिन्न राज्यों में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की है, जिसका मकसद उत्पादकता बढ़ाना, फसल प्रबंधन तथा जल प्रबंधन है।"

इजरायल में भारत के राजदूत पवन कपूर के मुताबिक, जल प्रबंधन में भारत, इजरायल से काफी कुछ सीख सकता है।

रक्षा को सहयोग का एक अहम क्षेत्र करार देते हुए कपूर ने कहा कि यह विकास का केंद्र होगा, जो मोदी के ऐतिहासिक दौरे के दौरान केंद्र में होगा।

उन्होंने कहा, "इजरायल हमारा अहम रक्षा आपूर्तिकर्ता है और विश्वसनीय रक्षा आपूर्तिकर्ता है, जिसकी हम सराहना करते हैं।"

भास्कर ने कहा कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों पक्ष अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जहां तक आर्थिक सहयोग की बात है, तो द्विपक्षीय व्यापार 4.16 अरब डॉलर है।

उन्होंने कहा, "हम इजरायल से लगभग 20 फीसदी फॉस्फेट आयात कर रहे हैं। ऊर्जा क्षेत्र में यह अहम योगदान है।"

जब मोदी तथा उनके समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, तो नई दिल्ली गृह सुरक्षा पर सहयोग ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की मांग करेगा।

चार जुलाई को इजरायल पहुंचने के बाद मोदी नेतन्याहू के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और अगले दिन राष्ट्रपति रिवलिन से मुलाकात करेंगे।

आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा, मोदी इजरायली कारोबारी नेताओं से बातचीत करेंगे और भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे।

तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक, इजरायल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी रहते हैं।


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