किसानों की धमकी के बाद अमित शाह ने संभाली कमान, बैठकों का दौर है जारी
राजधानी दिल्ली में जारी किसान आंदोलन अब व्यापक और उग्र रुप लेता जा रहा है

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जारी किसान आंदोलन अब व्यापक और उग्र रुप लेता जा रहा है। लाखों की संख्या में किसान राजधानी की सड़कों पर बैठे हैं और मोदी सरकार से उनके द्वारा पास किए गए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। आज राजधानी दिल्ली में इस आंदोलन का पांचवा दिन हैं औऱ अब केंद्र सरकार को ये किसान एक चुनौती के रुप में दिखाई देने लगे हैं।
दरअसल कल यानि की रविवार को किसानों ने बैठक की और इसके बाद ऐलान किया कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती हैं तो वो अब देश की राजधानी दिल्ली का घेराव करेंगे। कल किसानों की तरफ से मिली धमकी से सरकार सकते में हैं। अब इस किसान आंदोलन को खत्म करने की जिम्मेदारी खुद गृह मंत्री अमित शाह ने ली है। जी हां जहां उन्होंने पहले किसानों से बुराड़ी जाने का आग्रह किया था तो अब अमित शाह बैठक कर रहे हैं। जी हां गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ रविवार देर रात बैठक की औऱ आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ भी उनकी बैठक हुई।
जी हां किसानों की धमकी के बाद अब अमित शाह लगातार बैठक कर रहे हैं। आज सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री से मिलने पहुंचे और उनके साथ बैठक की। बैठक तो खत्म हो गई है लेकिन अभी तक नेताओं की ओर से कोई ऐलान नहीं किया गया है। आपको बता दें कि किसानों का 'दिल्ली चलो' आंदोलन अब और भी उग्र हो रहा है। किसान वापस जाने के मूड में नहीं हैं और न ही सरकार की बात मानने को तैयार है। केंद्र सरकार को चुनौती न सिर्फ हरियाणा-पंजाब के किसान दे रहे हैं बल्कि महाराष्ट्र, यूपी और देश के अन्य राज्यों से भी किसान इस आंदोलन में शामिल हैं। अब तो न सिर्फ भारत बल्कि इस आंदोलन की गूंज विदेशों में भी सुनाई दे रही है।
जी हां विदेशों में भारतीय मूल के लोग सड़कों पर पोस्टर लेकर खड़े हैं और भारत सरकार से किसानों की मांग को मानने का अनुरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि किसानों के द्वारा सड़कों पर प्रदर्शन करने से देश के सभी राज्यों का यातायात प्रभावित है और लगातार व्यापक हो रहे आंदोलन को देखते हुए अब सरकार दबाव में है।


