आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर योगी की नजरें टेढी
गोमती रिवर फ्रंट योजना के बाद अब अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट रहे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरें टेढी हो गयी हैं और उन्होंने इसके जांच के आदेश दे दिये हैं
लखनऊ। गोमती रिवर फ्रंट योजना के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट रहे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरें टेढी हो गयी हैं और उन्होंने इसके जांच के आदेश दे दिये हैं।
योगी ने एक्सप्रेस-वे पर पडने वाले दस जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इसमें हुई जमीन की खरीद की जांच के आदेश दिये हैं। जांच के दायरे में करीब 230 गांव आयेंगे। यह गांव एक्सप्रेस-वे के अगल-बगल स्थित हैं।
सूत्रों को कहना है कि ज्यादा मुआवजे के लालच में जमीन का वर्ग परिवर्तित किया गया। इस सडक को बनाने वाली कम्पनियों के भी दस्तावेज मंगाये जा रहे हैं। करीब 302 किलोमीटर लम्बा छह लेन का यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ से आगरा के बीच बना है।
यह नोएडा-आगरा एक्सप्रेस-वे से जुडा है। गौरतलब है कि लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट योजना की जांच के लिये योगी सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति आलाेक सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। आयोग से योजना में कथित रुप से वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिये कहा गया है।


