एनटीपीसी के खिलाफ भूविस्थापितों का आंदोलन 23 वें दिन भी जारी
क्षेत्र के त्रस्त जनता ने विरोध के माध्यम से कहा कि एनटीपीसी महारत्न कंपनी नहीं, महाअत्याचारी कंपनी है

असंगठित कामगार मजदूर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समर्थन देने आए
रायगढ़। फर्जी पुनर्वास, नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी तथा बिना भू- अधिग्रहण के निर्माण जैसे कई व्यापक अनियमित कार्यों की वजह से सुर्खियों में रहने वाली एनटीपीसी लारा के विरुद्ध आज 22 वा दिन भी हड़ताल चौक - छपोरा पर आंदोलन जारी रहा।
क्षेत्र के त्रस्त जनता ने विरोध के माध्यम से कहा कि एनटीपीसी महारत्न कंपनी नहीं, महाअत्याचारी कंपनी है। विगत 6 वर्षों से हुए कई आंदोलनों के बाद भी एनटीपीसी नौकरी जैसे जीवन यापन साधनों पर विचार नहीं किया। बल्कि फर्जी पुनर्वास बनाकर एनटीपीसी ने स्थाई नौकरी को ही समाप्त कर दिया।
कंपनी ने एस.आई.पी.बी. में हलफनामा दायर कर 1600 नौकरी स्थानीय लोगों को उपलब्ध कराने की बात कही थी। परंतु अब जब उत्पादन शुरू हुआ तब किसी भी एक भू-विस्थापित को नौकरी नहीं दिया गया। बड़े ही षड्यंत्रकारी तरीके से कार्य करते हुए नौकरी के एवज में बोनस कह कर पुनर्वास राशि बांट दिया गया।
विदित है कि एनटीपीसी सीपत परियोजना बिलासपुर, छ.ग. में 692 स्थानीय युवाओं को एनटीपीसी में योग्यतानुसार नौकरी दिया गया है। एक ही राज्य में अलग-अलग प्रकार के नियमों का पालन एनटीपीसी की मनमानी ही नहीं बल्कि प्रशासन के उदासीनता को दर्शाता है।
आंदोलनकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन के कंधे पर बंदूक रखकर एनटीपीसी जनता पर निशाना साधती है। आज इस आंदोलन में राहुल गांधी को लाने की घोषणा करते हुए असंगठित कामगार मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आलोक पांडेय ने समर्थन दिया।
बिना भू- अधिग्रहण के निर्माण, नौकरी व पुनर्वास जैसे मुद्दों पर चर्चा करते हुए पांडेय जी ने कहा कि - यह एनटीपीसी का जनता पर अत्याचार है, हम हड़ताल को राष्ट्रीय आंदोलन बनाएंगे। यह आंदोलन जन आंदोलन बन चूका है। कांग्रेस के शीर्ष कार्यकर्ताओं ने इस पर कार्य करना शुरू कर दिया है और राष्ट्रीय स्तर के कमेटी ने मुझे आंदोलन स्थल पर भेजा है। मांग पूरी होने तक हम आपके साथ हैं। कांग्रेस नेताओं के दल में मेहंदी लाल प्रदेशउपाध्यक्ष एवम् जिला के पदाधिकारी गण शामिल थे।


