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योग के बाद अब आयुष को दुनिया में पहुँचना है : मोदी

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह में आयुष के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुये  कहा कि योग के बाद अब आयुष को दुनिया में पहुँचाने का लक्ष्य है

योग के बाद अब आयुष को दुनिया में पहुँचना है : मोदी
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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह में आयुष के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि योग के बाद अब आयुष को दुनिया में पहुँचाने का लक्ष्य है तथा इसके लिए उसे वैज्ञानिक भाषा में पेश किये जाने की जरूरत है।

मोदी ने यहाँ विज्ञान भवन में आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री योग पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के बाद यह बात कही। समारोह में उन्होंने 19वीं और 20वीं सदी के 12 निपुण आयुष चिकित्सकों पर डाक टिकट जारी किये और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हरियाणा में 10 आयुष स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का शुभारंभ किया।

आयुष के तहत आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी आते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब लेह-लद्दाख का सोवा रिग्पा भी आयुष परिवार का छठा सदस्य बन गया है और इसके लिए लद्दाख में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अनुसंधान केंद्र बनाया जायेगा।

श्री मोदी ने कहा कि बीमारी से बचाव और उपचार सदियों से देश की समृद्ध स्वास्थ्य परंपरा का हिस्सा रहे हैं। हम अपनी इस विरासत को आधुनिकता से जोड़ने में उतने सफल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले पाँच साल में इसी दिशा में प्रयास किया है। देश को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करने में आयुष की बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है।

प्रधानमंत्री ने कहा “हमारे पारंपरिक ज्ञान का उसी भाषा में प्रस्तुतीकरण जरूरी है जिसे चिकित्सा विज्ञान की दुनिया समझ सके। देश की चिकित्सा प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव करने के लिए आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को जोड़ना होगा, और आयुष स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र इस समन्वित मॉडल का अनूठा उदाहरण हैं।”

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश भर में डेढ़ लाख स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र खोले जाने हैं जिनमें 12,500 आयुष केंद्र होंगे। इनमें आज 10 की शुरुआत हुई है तथा सरकार का लक्ष्य चार हजार केंद्रों की शुरुआत इस वर्ष के अंत तक करने की है।

हरियाणा के अंबाला, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम, कैथल, मेवात, हिसार, जिंद और पंचकुला जिलों में इन केंद्रों की शुरुआत की गयी। पंचकुला में आयोजित समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी मौजूद थे।


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