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लोकसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस की केरल इकाई में बदलाव की तैयारी

लोकसभा चुनाव में केरल में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के बाद सभी की निगाहें राज्य इकाई के संगठनात्मक ढांचे में होने वाले बदलाव पर टिकी हैं

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस की केरल इकाई में बदलाव की तैयारी
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तिरुवनंतपुरम। लोकसभा चुनाव में केरल में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के बाद सभी की निगाहें राज्य इकाई के संगठनात्मक ढांचे में होने वाले बदलाव पर टिकी हैं। इसमें नई पीढ़ी के नए चेहरों को अहम पदों पर नियुक्त किया जा सकता है।

हालांकि यह बदलाव पिछले साल ही तय कर लिया गया था, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने फैसला किया कि संसदीय चुनावों से पहले कोई भी बदलाव असंतोष का कारण बन सकता है। इसलिए अब तक बदलाव नहीं किए गए।

आम चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने राज्य की 20 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की। उसके सांसद - के. मुरलीधरन और रेम्या हरिदास हार गए। लेकिन कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड और पलक्कड़ जैसी सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को भारी बढ़त मिली। खासकर सीपीआई-एम के गढ़ में पार्टी का दबदबा बढ़ा। पार्टी नेतृत्व ने अब फेरबदल करके इन लाभों को भुनाने का फैसला किया है।

एक लाख से अधिक मतों के अंतर से कन्नूर लोकसभा सीट को बरकरार रखने वाले पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष के. सुधाकरन अपने पद पर बने रहेंगे। फेरबदल मुख्य रूप से 14 जिला कांग्रेस समितियों पर केंद्रित होगा। शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही इस पर चर्चा शुरू कर दी है और आम सहमति यह सुनिश्चित करने पर बनी है कि युवा नेताओं को सभी स्तरों पर अधिक प्रतिनिधित्व मिले।

जिन लोगों को महत्वपूर्ण पद मिल सकते हैं, उनमें के.एस. सबरीनाधन, रिगिल मकुट्टी और कुछ महिलाएं भी शामिल हैं।

कांग्रेस लोकसभा चुनावों में सफलता के मद्देनजर सभी स्तरों पर पुनर्गठित होने वाली समितियों के तहत नए जोश के साथ अगले साल होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों का सामना करने के लिए तैयार है।


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