अनुच्छेद-370 हटने के बाद कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली : केंद्र
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू एवं कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली और किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू एवं कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली और किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है।
जम्मू एवं कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को पांच अगस्त को रद्द कर दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने केंद्र के साथ ही जम्मू एवं कश्मीर सरकार से कहा था कि वह राज्य में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करे। इसके बाद केंद्र ने अदालत के सामने यह बात रखी। केंद्र की ओर से महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल व महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि जीवन या संपत्ति के किसी भी नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रहित में सर्वोत्तम संभव कदम उठाए गए हैं। इस दौरान उन्होंने एहतियात के तौर पर लगाए गए प्रतिबंधों को भी जायज ठहराया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हर कदम राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए ही उठाया जाना चाहिए।"
जिला मजिस्ट्रेटों ने राज्य में आवश्यकतानुसार सीआरपीसी की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर रखा है। इसके अलावा कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को कम करने के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं जैसे विभिन्न संचार के साधनों पर भी अस्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अदालत के समक्ष मेहता ने कहा, "ये उपाय पूर्ण रूप से सफल रहे हैं, जिसका श्रेय सरकार को जाता है। क्योंकि अभी तक एक भी गोली नहीं चलाई गई है और राज्य में जानमाल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है।"
एक आंतरिक नोट के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के लिए सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को धीरे-धीरे कम किया गया है।
केंद्र के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिबंध केवल अस्थायी तौर पर लगाए गए हैं। अदालत के सामने पेश किए तथ्यों से पता चलता है कि चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों में छूट दी गई है।
आंतरिक नोट में कहा गया, "डिश टीवी चैनल और दूरदर्शन के अलावा जे. के. व गुलिस्तान जैसे स्थानीय चैनलों का प्रसारण किया जा रहा है। रेडियो कश्मीर और एफएम चैनलों का प्रसारण भी हो रहा है। शुरू से ही चौबीस घंटे मुहैया कराई जाने वाली महत्वपूर्ण सेवाएं जैसे पीने का पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई हैं।"
इसके अलावा बताया गया कि जम्मू और लद्दाख डिवीजन के सभी 100 फीसदी प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालय सामान्य रूप से चल रहे हैं। जबकि कश्मीर डिवीजन के 97 फीसदी स्कूल खुले हैं।


