मासूम बच्चे के दोनों हाथ गवाने के बाद नींद से जागा स्वास्थ्य विभाग, दो अस्पताल किये गये सीज
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेवर में अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के खिलाफ अभियान किया गया शुरू

जेवर। जेव कस्बे के एक निजी अस्पताल की लापरवाही की वजह से करंट की चपेट में आकर एक 6 वर्षीय मासूम को अपने दोनों हाथ गंवाने पडे। समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद नींद से जागे स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कस्बे में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों की जांच का अभियान शुरू किया।
पहले दिन की गई दो अस्पतालों की जांच में दोनों अस्पताल अवैध रूप से संचालित पाये गये। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों अस्पतालों को सीज करने की कार्यवाही की है।
विभाग द्वारा अभियान के तहत कस्बे में जांच कर अवैध रूप से संचालित अस्पतालों को सीज करने की कार्यवाही की जायेगी। ज्ञात हो कि कस्बे के टप्पल रोड पर संचालित चैधरी मेडीकेयर अस्पताल में 23 जून को दस्तमपुर की रहने वाली सीमा पत्नी सौरभ ने बच्चे को जन्म दिया था।
25 जून को सीमा को देखने के लिये उसका भाई योगेश निवासी दीवा हमीदपुर अलीगढ अपनी पत्नी शिवानी व 6 वर्षीय बेटे माधव के साथ अस्पताल में आया था। उसी दौरान मासूम माधव खेलते हुये अस्पताल की बालकानी में पहुंच गया तथा वहां से गुजर रही हाईटेंशन लाईन की चपेट में आ गया। एम्स अस्पताल दिल्ली में उपचार के दौरान उसके दोनों हाथों को कोहनी के उपर से काटना पडा था। पीडित पिता योगेश ने अस्पताल संचालक व विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये बुधवार को कोतवाली जेवर में मामला दर्ज कराया था।
जिलाधिकारी के निर्देश पर शुक्रवार को डिप्टी सीएमओ डॉ. जयसलाल अपनी टीम के साथ जेवर पहुचे। जांच में अस्पताल अवैध रूप से संचालित पाया गया। डिप्टी सीएमओ ने बताया कि अस्पताल का पंजीकरण 30 अप्रैल 2023 को ही समाप्त हो गया था, जिसका नवीनीकरण नहीं कराया गया था।
पंजीकरण नहीं पाये जाने पर कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में चैधरी मेडीकेयर को सीज करने की कार्यवाही की गई। उसके बाद कृष्णा अस्पताल की जांच में भी अस्पताल का पंजीकरण नहीं पाया गया जिसे सीज कर दिया गया। डिप्टी सीएमओ ने बताया कि अभियान के तहत जेवर में लगातार अस्पतालों की जांच की जायेगी तथा अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।


