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चौथे दौर की वार्ता के बाद किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च 21 फरवरी तक स्थगित

केंद्र के साथ चौथे दौर की बातचीत के कुछ घंटे बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सोमवार को कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पांच फसलों की खरीद की गारंटी देने के केंद्र के प्रस्ताव पर विचार करेंगे

चौथे दौर की वार्ता के बाद किसानों का दिल्ली चलो मार्च 21 फरवरी तक स्थगित
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चंडीगढ़। केंद्र के साथ चौथे दौर की बातचीत के कुछ घंटे बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सोमवार को कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पांच फसलों की खरीद की गारंटी देने के केंद्र के प्रस्ताव पर विचार करेंगे। साथ ही 'दिल्ली चलो' मार्च 21 फरवरी तक टाल दिया गया है।

पंढेर ने कहा कि तब तक हरियाणा के प्रवेश बिंदुओं पर स्थित शंभू और खनौरी सीमाओं पर शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन होगा।

उन्होंने कहा, “दिल्ली जाने का हमारा निर्णय स्टैंडबाय पर है। हम 21 फरवरी को सुबह 11 बजे शांतिपूर्वक आगे बढ़ेंगे। तब तक हम केंद्र सरकार के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे।''

चौथे दौर की वार्ता सोमवार तड़के यहां समाप्त होने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, “हम साथी किसानों के साथ केंद्र द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे, विशेषज्ञों की राय लेंगे।” केंद्र ने किसानों के सामने एमएसपी पर पांच फसलें खरीदने की गारंटी देने का प्रस्ताव रखा।

केंद्र ने जिन फसलों को सुनिश्चित एमएसपी पर खरीदने का प्रस्ताव दिया है उनमें कपास और मक्का के अलावा तीन प्रमुख दालें शामिल हैं। प्रस्तावित है कि एनसीसीएफ, नेफेड और कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी केंद्रीय एजेंसियां किसानों से फसल खरीदने के लिए पांच साल के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करेंगी।

किसान नेताओं को तीन सदस्यीय केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय ने केंद्र सरकार से अंतिम योजना पर पहुंचने से पहले उनके प्रस्ताव पर चर्चा करने और अपनी सहमति देने के लिए कहा है।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगर इन फसलों के लिए एमएसपी दिया जाए तो पंजाब दालों के उत्पादन में देश का नेतृत्व कर सकता है।

उन्होंने कहा कि यह देश में दूसरी हरित क्रांति होगी। हालांकि पंजाब को हरित क्रांति के कारण उपजाऊ मिट्टी और पानी के अत्यधिक दोहन के कारण अपने एकमात्र प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान का सामना करना पड़ा था।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के किसान कपास और मक्का तभी अपना सकते हैं जब उन्हें इन फसलों का एमएसपी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इन फसलों का सुनिश्चित विपणन किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

उन्होंने कहा कि आज देश दूसरे देशों से दालें आयात करता है, जबकि अगर किसानों को लाभकारी मूल्य मिले तो वे यहां इन दालों का उत्पादन कर सकते हैं।


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