Top
Begin typing your search above and press return to search.

विपक्ष की आलोचनाओं के बाद भाजपा ने जारी किया गुजरात चुनाव का संकल्प पत्र

सत्तारूढ भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा-पत्र जारी होने में विलंब को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं के बीच आज आखिरकार अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया

विपक्ष की आलोचनाओं के बाद भाजपा ने जारी किया गुजरात चुनाव का संकल्प पत्र
X

अहमदाबाद। सत्तारूढ भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा-पत्र जारी होने में विलंब को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं के बीच आज आखिरकार अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया जिसमें कृषि आय दोगुनी करने, गैर आरक्षित वर्ग को शैक्षणिक संस्थाओं में लाभ देने समेत कई बातें शामिल की गयी है।



केंद्रीय वित्त मंत्री तथा गुजरात में पार्टी के चुनाव प्रभारी अरूण जेटली ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी और गुजरात प्रभारी भूपेन्द्र यादव की मौजूदगी में यहां पार्टी के मीडिया सेंटर में इसे जारी किया। उन्होंने कहा कि कल पहले चरण के चुनाव के चलते चुनाव संहिता के प्रावधानों को देखते हुए संकल्प पत्र पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री अथवा प्रदेश अध्यक्ष के चित्र नहीं हैं क्योंकि ये सभी चुनाव लड़ रहे हैं। इसे कल चुनाव के बाद पांच बजे चित्र के साथ फिर से जारी किया जायेगा।



उन्होंने कहा कि देश दुनिया में आर्थिक मंदी के बावजूद गुजरात में पिछले पांच साल में 10 प्रतिशत की दर से विकास हुआ है। इसे चीन को भी पीछे छोड़ दिया है जहां अब यह साढे छह प्रतिशत पर आ गया है। जेटली ने कहा कि संकल्प पत्र में एकमात्र उद्देश्य विकास की इस दर को बनाये रखने को बनाया गया है। हम आधारभूत संरचान, कृषि, स्वास्थ्य शिक्षा में और आगे बढ़ेंगे और कमजोर वर्ग के लिए विशेष कार्यक्रम ला पायेंगे। इसके अलावा गुजरात की एकता को बनाये रखना भी उद्देश्य होगा।



उन्होंने गत चार दिसंबर को जारी हुए कांग्रेस के घोषणा पत्र पर प्रहार करते हुए कहा कि इसमें संवैधानिक और वित्तीय रूप से कई असंभव वादे किये गये हैं। गुजरात सरकार की कुल राजस्व आय 90 हजार करोड रूपये है जबकि कांग्रेस ने अतिरिक्त एक लाख 21 हजार करोड की रियायतें देने के वायदे कर दिये हैं। उन्होंने कांग्रेस सरकार के किसानों की रिण माफी के वादे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने 2008 में ऐसा किया तो गुजरात में मात्र 1156 करोड़ माफ किया।

पूर्व में केंद्र के कहने पर भी अपने शासन वाले राज्यों में पेट्रोल डीजल की कीमत नहीं घटाने वाली कांग्रेस अब इसके बारे में वायदे कर रही है। उन्होंने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण के कांग्रेस के वायदे पर परोक्ष हमला बोला और राज्य में सामाजिक ध्रुवीकरण को नुकसान वाला रास्ता बताया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it