सृजन घोटाले के बाद बिहार में अब शौचालय घोटाला
बिहार में अरबों रुपये के सृजन महाघोटाले की जारी जांच के बीच पटना जिले में करीब 15 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले के सामने आने से राज्य की छवि एक बार फिर धूमिल हुई है

पटना। बिहार में अरबों रुपये के सृजन महाघोटाले की जारी जांच के बीच पटना जिले में करीब 15 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले के सामने आने से राज्य की छवि एक बार फिर धूमिल हुई है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पटना जिले में शौचालय निर्माण में घोटाले के सामने आने के बाद जिलाधिकारी संजय अग्रवाल के निर्देश पर पटना के गांधी मैदान थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। यह प्राथमिकी बिहार राज्य जल बोर्ड के अधीक्षक अभियंता विनय कुमार सिन्हा, लेखाकार बितेश्वर प्रसाद सिंह के अलावा चार गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज करायी गई है।
प्राथमिकी के अनुसार, शौचालयों के निर्माण के नाम पर इन गैर-सरकारी संगठनों को 13.5 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया और प्रचार के नाम पर इन एनजीओ को 1.5 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। श्री सिन्हा लोक स्वास्थ्य एवं अभियंंत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के कार्यकारी अधिकारी थे, जब यह घोटाला हुआ ।
इस बीच जिलाधिकारी श्री अग्रवाल ने कहा कि सभी एनजीओ के परिसर में छापे मारने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मामले को लेकर श्री सिन्हा को अबतक जारी किये गये तीन नोटिस में से किसी नोटिस का उन्होंने उत्तर नहीं दिया है। घोटाले में शामिल सभी एनजीओ को भी काली सूची में डाला जाएगा।
श्री सिन्हा ने वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 के लिए 15 दिन के भीतर तीन गैर-सरकारी संगठनों के लिए धन का भुगतान किया था। वहीं, मामले की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने कहा कि कोई दोषी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा।


