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कांग्रेस शिविर के बाद दबाव में केन्द्र सरकार को लेना पड़ा पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने का फैसला : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस द्वारा देशभर में लगातार महंगाई के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन एवं उसके उदयपुर में हुए नवसंकल्प शिविर में तय किए गए महंगाई के विरुद्ध जनजागरण अभियान के दबाव में केन्द्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का फैसला करना पड़ा है

कांग्रेस शिविर के बाद दबाव में केन्द्र सरकार को लेना पड़ा पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने का फैसला : गहलोत
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस द्वारा देशभर में लगातार महंगाई के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन एवं उसके उदयपुर में हुए नवसंकल्प शिविर में तय किए गए महंगाई के विरुद्ध जनजागरण अभियान के दबाव में केन्द्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का फैसला करना पड़ा है।

श्री गहलोत ने केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल एवं डीजल के दाम घटाने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले दो महीने में ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम लगभग दस रुपये प्रति लीटर बढ़े थे। ऐसे में आज की कटौती महज एक औपचारिकता नजर आती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार सही मायने में आमजन को राहत देना चाहती है तो एक्साइज ड्यूटी को घटाकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के स्तर पर ले जाना चाहिए जिससे डीजल एवं पेट्रोल की कीमतें करीब 70 रुपये प्रति लीटर से भी कम हो जाएंगी और आमजन को मंहगाई से राहत मिल सकेगी।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई एक्साइज कटौती से राज्य सरकार का पेट्रोल पर 2.48 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल पर 1.16 रुपये प्रति लीटर वैट भी कम होगा। इससे प्रदेश में पेट्रोल 10.48 रुपये एवं डीजल 7.16 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा। इससे राज्य को करीब 1200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की राजस्व हानि होगी एवं आमजन को इसका लाभ मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि पूर्व में दो बार की गई वैट की कमी से राज्य को 6300 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई थी। इस कटौती को जोड़कर राज्य को करीब 7500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की राजस्व हानि होगी।


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