नोटबंदी के बाद मुद्रा के प्रति लोगों का विश्वास डगमगाया: स्वर्ण परिषद
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूसीजी) ने कहा है कि नोटबंदी के बाद नकद मुद्रा के प्रति लोगों का विश्वास डगमगाया है और अब वे नकदी की बजाय सोने के रूप में अपनी बचत रखने की ओर दोबारा लौटेंगे।
बेंगलुरु। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूसीजी) ने कहा है कि नोटबंदी के बाद नकद मुद्रा के प्रति लोगों का विश्वास डगमगाया है और अब वे नकदी की बजाय सोने के रूप में अपनी बचत रखने की ओर दोबारा लौटेंगे।
परिषद ने भारत में सोने की माँग और उसके परिदृश्य पर आज जारी रिपोर्ट में यह बात कही है। उसने कहा है कि लोगों के व्यवहार में इस बदलाव के दम पर वह इस साल देश में सोने की माँग बढ़ने की उम्मीद करता है। हालाँकि, इस साल वस्तु एवं सेवा कर लागू होने तथा तीन लाख रुपये से ज्यादा के नकद लेनदेन को प्रतिबंधित करने की संभावना और माँग पर इनके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुये उसने इस साल सोने की कुल माँग 650 से 750 टन के बीच रहने का अनुमान जाहिर किया है।
इससे पहले नोटबंदी और लंबी हड़ताल के कारण पिछले साल सोने की कुल माँग वर्ष 2015 के 857.2 टन से 21.19 प्रतिशत कम होकर 675.6 टन रह गयी थी। इसमें जेवराती माँग 22 प्रतिशत घटकर 514 टन तथा निवेश माँग 17.09 प्रतिशत घटकर 161.6 टन रही। जेवराती माँग में 148.3 टन की गिरावट परिषद के रिकॉर्ड में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट रही थी।


