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ईडी से सोनिया गांधी की पूछताछ के बाद सियासत तेज, कांग्रेस बोली : अध्यक्षा ने पूछताछ खत्म करने को नहीं कहा

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ गुरुवार को हुई ईडी दफ्तर में पूछताछ के बाद सियासत होने लगी है

ईडी से सोनिया गांधी की पूछताछ के बाद सियासत तेज, कांग्रेस बोली : अध्यक्षा ने पूछताछ खत्म करने को नहीं कहा
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नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ गुरुवार को हुई ईडी दफ्तर में पूछताछ के बाद सियासत होने लगी है। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि, गुरुवार को पूछताछ ढाई बजे तक चली, हालांकि एक खबर चलाई जा रही है कि सोनिया जी ने पूछताछ खत्म करने की मांग की। ये खबर बिल्कुल गलत है, बिल्कुल बेबुनियाद है, इसमें कोई तथ्य नहीं है और ये बिल्कुल झूठ है।

ईडी नेशनल हेराल्ड मामले में तथाकथित रूप से वित्तीय अनियमितता के मामले में सोनिया गांधी से सवाल करेगी। इस केस में ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कंपनी से जुड़े कई अन्य कांग्रेस नेताओं पर पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया है।

सोनिया से ईडी की पूछताछ 2 घंटे 20 मिनट तक चली। इस दौरान प्रियंका गांधी को ईडी कार्यालय में रहने की अनुमति थी। जो पूछताछ के दौरान दो बार सोनिया से मिलने गईं। ईडी ने सोनिया से कई सवाल भी पूछे।

जयराम रमेश ने कहा, पहले ईडी की ओर से कहा गया लंच के बाद आना होगा बाद में ईडी ने आने के लिए मना कर दिया। 12:20 पर पूछताछ की शुरूआत हुई और शुरू में ही, कहा गया, करीब दो घंटे तक ये पूछताछ चलेगी। उसके बाद लंच ब्रेक होगा और लंच ब्रेक के बाद सोनिया जी को वापस ईडी में आना होगा, ये 12:20 पर हुआ।

उसके बाद सवाल पूछे गए, जवाब दिया गया और करीब 2:20 पर जब कांग्रेस अध्यक्षा लंच पर आने के लिए तैयार हुई, तब उनको कहा गया कि वापस आने की कोई जरुरत नहीं है। फिर सोनिया जी ने कहा, मैं तो तैयार हूं वापस आने के लिए, जो कुछ आप सवाल करेंगे, मैं उसका जवाब दूंगी। 7 बजेंगे, 8 बजेंगे, 9 बजेंगे, मैं यहाँ बैठने के लिए तैयार हूं।

उन्होंने आगे कहा, ईडी ने बताया कि आज दोपहर को ईडी के जो डॉक्टर हैं, वो अवेलेबल नहीं हैं और कल ईडी कोई न्यायालय के मामले में व्यस्त है। तो ईडी की ओर से कहा गया कि अगले हफ्ते आप ईमेल भेजिए और अगले हफ्ते एक हम नया डेट तय करेंगे।

हालंकी इसके अलावा जयराम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 18 तारीख से राज्यसभा और लोकसभा नहीं चल पाया है और एक ही कारण है, विपक्ष की पार्टियों की ओर से एक ही मांग है कि तुरंत महंगाई और खाद्य पदार्थों पर जो जीएसटी रेट बढ़ाए गए हैं, उस पर बहस हो।

"राज्यसभा में रुल 267 के तहत ये बहस हो। ये प्रावधान है नियमावली में कि अगर ऐसे कोई मुद्दे हैं, जो अर्जेंट माने जाते हैं पार्टियों के नजरिए से, तो वो मांग कर सकते हैं कि सभी बिजनेस को रोका जाए और उस विषय पर बहस हो।"

अगर शुक्रवार को 11 या 11:15 बजे सरकार लोकसभा में और राज्यसभा में महंगाई और जीएसटी पर बहस के लिए तैयार है, तो विपक्ष तैयार है।


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