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हिमाचल से लौटने के बाद प्रियंका ने पीएम मोदी से तबाही को प्राकृतिक आपदा घोषित करने का आग्रह किया

बारिश और बाढ़ से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे से लौटने और नुकसान का आकलन करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहाड़ी राज्य में बारिश और भूस्खलन के कारण हुई तबाही को राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है

हिमाचल से लौटने के बाद प्रियंका ने पीएम मोदी से तबाही को प्राकृतिक आपदा घोषित करने का आग्रह किया
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नई दिल्ली। बारिश और बाढ़ से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे से लौटने और नुकसान का आकलन करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहाड़ी राज्य में बारिश और भूस्खलन के कारण हुई तबाही को राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है।

प्रियंका गांधी ने 12 और 13 सितंबर को राज्य की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान कुल्लू, मनाली, शिमला, सोलन और अन्य कई जिलों का दौरा किया और वहां के लोगों से उनकी समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा की और राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत अभियान का जायजा लिया।

प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, "राज्य के लोग भूस्खलन और बाढ़ के रूप में सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इसने कई चीजें नष्ट कर दी हैं।" उन्होंने शिमला, कुल्लू, मनाली और मंडी के प्रभावित लोगों से मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि राज्य के सभी हिस्सों में तबाही देखकर उन्हें दु:ख हुआ है।

उन्‍होंने पत्र में लिखा है, ''इस त्रासदी में अब तक 428 लोगों की जान जा चुकी है। कई ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया है। मृतकों की सूची में बच्चे भी शामिल हैं, जो सावन के पवित्र महीने के आखिरी सोमवार के अवसर पर तड़के शिमला के एक मंदिर में पूजा करने आए थे।"

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 16 हजार से अधिक पशु और पक्षी मर गए हैं, जिनमें 10 हजार पक्षी पोल्ट्री फार्मों से हैं जबकि छह हजार से अधिक दुधारू पशु मर गये हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा, ''राज्य में 13 हजार से अधिक घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यहां तक कि शिमला और परवाणु को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल्लू-मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है जबकि राज्य की कई सड़कें भी आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं और राज्य को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।”

प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण हुए विनाश से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। कांग्रेस नेता ने कई स्थानों पर इस बात पर प्रकाश डाला कि कई लोग 'श्रम दान' कर रहे हैं, जबकि कई अन्य लोग स्वयं पैसे इकट्ठा कर राहत कार्यों में मदद कर रहे थे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस आपदा का सामना करते हुये जब राज्‍य के लोग मदद की उम्‍मीद कर रहे थे, "उसी समय केंद्र सरकार ने विदेशी सेबों से आयात शुल्क कम कर दिया है, जो राज्य के सेब उत्पादकों के लिए दोहरी मार की तरह है''। उन्‍होंने कहा कि इस कठिन समय में ऐसा नहीं किया जाना चाहिये।

प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री से इस आपदा को 2013 की केदारनाथ त्रासदी की तरह राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की ताकि हिमाचल के लोगों को राहत मिल सके और राज्य का पुनर्निर्माण ठीक से हो सके।

उन्‍होंने कहा, ''आज पूरा देश आगे आकर हिमाचल के साथ खड़ा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप हिमाचल के लोगों के प्रति संवेदनशील रहते हुए मदद के लिए उचित कदम उठाएंगे।"

हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में इस साल जुलाई और अगस्त में बाढ़ का सामना करना पड़ा और कई इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। राज्य सरकार ने पहले कहा था कि उसे 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और उसने राज्य के लिए विशेष पैकेज की भी मांग की है।


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