कुलसचिव की फटकार बाद जागा खेल विभाग
देश भर के विभिन्न विवि के अंतर्गत होने वाली विभिन्न खेल विधाओं में भाग लेने के बाद रवि टीम के खेल अधिकारियों द्वारा पुख्ता हिसाब जमा नहीं करने को लेकर 28 से अधिक खेल अधिकारियों को नोटिस थमाया गया है
रायपुर। देश भर के विभिन्न विवि के अंतर्गत होने वाली विभिन्न खेल विधाओं में भाग लेने के बाद रवि टीम के खेल अधिकारियों द्वारा पुख्ता हिसाब जमा नहीं करने को लेकर 28 से अधिक खेल अधिकारियों को नोटिस थमाया गया है।
इसमें उक्त खेल अधिकारियों से हिसाब मांगा जा रहा है। जबकि विवि का खेल विभाग 8 वर्ष बाद कुलसचिव की फटकार के बाद जागा है और लगातार एक के बाद एक नोटिस भेजी जा रही है। वहीं खेल अधिकारियों का कहना है कि टीम को प्रतिनिधित्व कराने के बाद बकायदा दौरे का हिसाब तत्कालिन खेल संचालक को सौंपा गया था। जिसमें जमा होने के बाद 2-3 वर्षों तक कोई जानकारी विवि प्रबंधन द्वारा नहीं ली गई। 8 वर्ष बाद जानकारी ली जा रही है। ऐसे में यह साफ है कि पूरा विवि गड़बड़ियों की बेड़ी पर चल रहा है। हालांकि खेल अधिकारी नोटिस का जवाब देकर वर्तमान खेल संचालक को जवाब पेश कर रहे हैं। किंतु कहीं न कहीं विवि प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा खेल अधिकारियों को भुगतना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय 32 से अधिक खेल विधाओं में प्रतिवर्ष टीम को प्रतिनिधित्व कराते आया है। इसके पीछे यह मंशा रही है कि विवि के खिलाड़ी देश में नाम रोशन कर सके। साथ ही प्रतिभाओं के उनके मूल्यांकन का अवसर प्राप्त हो सके। इन टीमों को खेल संचालक के दिशा निर्देश पर खेल अधिकारी अन्य विवि में प्रतिनिधित्व कराते आये है। जिसमें अग्रिम भुगतान के तौर पर खिलाड़ियों को व अधिकारियों को राशि दी जाती है। संभवत: इसी राशि का ब्यौरा जमा नहीं किया गया है। खेल अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद अग्रिम का पूरा हिसाब जमा किया गया है।
साथ ही यह भी कहा है कि जमा होने के बाद विवि में क्यों स्पष्टीकरण नहीं लिया। 8 वर्ष बाद हिसाब का स्पष्टीकरण मांगा जाना न्याय उचित नहीं है। क्योंकि 8 वर्ष बाद किसी खेल के टीम प्रतिनिधित्व के जवाब व दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो सकते। दूसरी तरफ वर्तमान खेल संचालक विपिन शर्मा का कहना है कि तत्कालिन खेल संचालक ने पूरी जिम्मेवारी से काम किया है तो विवरण उपलब्ध होना चाहिए।
लेकिन खंगाले जाने के बाद कई फाईलों से दस्तावेज गायब मिल रहे हैं। जिसमें अब तहकीकात चल रही है। सवाल यह उठता है किर वर्तमान खेल संचालक ने किस प्राधिकार से खेल अधिकारियों को नोटिस थमाया है। चूंकि जिन खेल संचालकों के कार्यकाल के दौरान खेल अधिकारी रविवि की टीम के साथ प्रतिनिधित्व करने के बाद अग्रिम का जवाब पेश कर चुके थे। अगर उनमें कोई गड़बड़ी पाई जाती तो तत्कालिन खेल संचालक को जवाब लेने का अधिकार था। लेकिन वर्तमान खेल संचालक ने बिना प्राधिकार के पुराने दस्तावेजों को खंगालते हुए वित्त और कुलसचिव की फटकार के बाद जांच प्रारंभ कर दी है।


