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पीडीपी और नेकां के बाद अब कांग्रेस ने की बीडीसी चुनावों के बहिष्कार की घोषणा

 जम्मू कश्मीर में पहली बार पार्टी आधार पर करवाए जा रहे बीडीसी चुनावों का बहिष्कार अब कांग्रेस भी करेगी

पीडीपी और नेकां के बाद अब कांग्रेस ने की बीडीसी चुनावों के बहिष्कार की घोषणा
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जम्मू। जम्मू कश्मीर में पहली बार पार्टी आधार पर करवाए जा रहे बीडीसी चुनावों का बहिष्कार अब कांग्रेस भी करेगी। पहले ही पीडीपी तथा नेशनल कांफ्रेंस इसमें शिरकत न करने की घोषणा कर चुकी है। अब मैदान में सिर्फ भाजपा और पैंथर्स पार्टी ही रह गई हैं।

कांग्रेस प्रदेश प्रधान जीए मीर ने जम्मू कश्मीर में होने जा रहे ब्लाक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की है। बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सामने इस बात का एलान करते हुए मीर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह यह चुनाव केवल एक ही पार्टी के फायदे के लिए करवा रही है। यदि ऐसा नहीं होता तो चुनाव की घोषणा के बाद भी विपक्षी दलों के नेताओं को पाबंदियों के बीच नहीं रखा होता।

मीर ने बताया कि कश्मीर में अभी भी उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद रखा गया है। यही नहीं उन्हें या उनके नेताओं को जम्मू से कश्मीर में जाने नहीं दिया जा रहा। जहां तक की उन्हें सुरक्षा तक मुहैया नहीं करवाई जा रही है। ये पाबंदियां इस ओर संकेत करती हैं कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए जल्दबाजी में चुनाव करवा रही है।

जम्मू कश्मीर में पहली बार ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव 24 अक्तूबर को हो रहे हैं। आज नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन था। कांग्रेस प्रदेश प्रधान जीए मीर ने राज्य के मौजूदा हालात का हवाला देते हुए कहा कि वे चुनावों में भाग लेना चाहते थे परंतु केंद्र सरकार ने भाजपा को छोड़ अन्य पार्टियों के नेताओं के लिए ऐसे हालात बना दिए हैं कि वे न तो अपने लोगों के बीच जा सकते हैं और न ही पार्टी के हित में प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।

मीर ने कहा कि उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही कि ऐसे हालात में आखिरकार केंद्र को बीडीसी चुनावों की इतनी जल्दबाजी क्यों थी। ये चुनाव भारतीय संविधान के 73वें संशोधन के अनुसार भी नहीं हो रहे हैं। जबकि कांग्रेस हमेशा पंचायतों को मजबूत करने के पक्षधर रही है।

मीर ने कहा कि उन्होंने अपने तौर पर कश्मीर घाटी में हालात का जायजा लिया। इंटरनेट सेवा बंद है, दुकानें नहीं खुल रही हैं, पिछले चार दिनों से बच्चे स्कूल नहीं जा पाए हैं। यह साबित करता है कि कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं। इन सबके बावजूद कांग्रेस ने चुनाव में भाग लेने का फैसला किया, लेकिन कांग्रेस के कई नेता नजरबंद है और कइयों पर पाबंदियां लगाई गई है। सरकार की तरफ से सहयोग नहीं मिल रहा है।

कांग्रेस प्रदेश प्रधान ने कहा कि सरकार ने पार्टी आधार पर चुनाव करवाने का फैसला एकतरफा लिया है। पीडीपी और नेकां ने पहले ही चुनाव बहिष्कार के स्पष्ट संकेत दे दिए थे। कांग्रेस ही एकमात्र प्रमुख विपक्षी पार्टी थी जो भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी, लेकिन अब कांग्रेस के चुनाव में भाग न लेने के बाद मुख्य तौर पर भाजपा और पैंथर्स पार्टी ही मैदान में रह गई हैं। हालांकि, भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद प्रचार करना शुरू भी कर दिया है।


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