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लाखों रुपए फीस देने के बाद विषाक्त भोजन, सवाल कायम

शहर के सेक्टर-132 स्थित 'स्टेप बाय स्टेप स्कूल में विषाक्त भोजन का सेवन करने से कई दर्जन बच्चों के बीमार होने का मामला सामने आया था

लाखों रुपए फीस देने के बाद विषाक्त भोजन, सवाल कायम
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नोएडा। शहर के सेक्टर-132 स्थित 'स्टेप बाय स्टेप स्कूल में विषाक्त भोजन का सेवन करने से कई दर्जन बच्चों के बीमार होने का मामला सामने आया था।
इस मामले में पुलिस ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, तत्काल प्रभाव से स्कूल की कैंटीन का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। हालांकि प्रशासनिक कार्यवाही व स्कूल प्रबंधन से बीमार बच्चों के अभिभावक नाराज है।

इस मामले में स्कूल प्रबंधन सामने आने से बचता दिख रहा है। स्टेप बाय स्टेप स्कूल के खिलाफ तीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। स्कूल के खिलाफ सिटी मजिस्ट्रेट ने धारा 329 यानी जहरीला खाना परोसना, धारा 341 यानी स्कूल में जाने से रोकना व धारा 332 यानी सरकारी कमचारियों को ड्यूटी करने से रोकने का मामला दर्ज किया है।

राज्य सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, खाद्य विभाग के अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि स्कूल की कैंटीन का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। वहीं, कैंटीन से आजवाइन व तेल के नमूने लिए गए है। इन नमूनों को शुक्रवार को जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला भेजा गया है। यहा से एक सप्ताह में रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट के अनुसार ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल ने पूरे मामले में बड़ी लापरवाही बरती है। उन्हें इस मामले की जानकारी शाम तक नहीं दी गई। पूरा प्रबंधन अपने स्तर से ही मामले को दबाने में लगा था।

मां-पापा का नाम लेने पर दी अभिभावको को जानकारी
विषाक्त भोजन करने के बाद बच्चों की हालत खराब होने लगी। कुछ बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें शहर के जेपी व अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां रात भर बच्चों का इलाज किया गया। इस दौरान अभिभावक बच्चों के साथ रहे। अभिभावको ने बताया कि बच्चों की तबियत कैसे खराब हुई स्कूल प्रबंधन बोलने तक तैयार नहीं है। लाखों रुपए फीस होने के बाद इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। यही नहीं घटना होने के बाद प्रबंधन ने अभिभावकों को जानकारी देना उचित नहीं समझा। बच्चे दर्द से तड़पने लगे व मां पापा को आवाज देने लगे तब जाकर प्रबंधन ने उन्हें जानकारी दी।

कहा गया विषाक्त भोजन
खाद्य विभाग ने कैंटीन से सिर्फ तेल व आजवाइन के नमूने लिए । घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद प्रशासन को मामले की जानकारी मिली। करीब 50 मिनट तक स्कूल के गेट के बाहर खड़े होने पर प्रशासनिक अमले को अंदर नहीं जाने दिया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद खाद्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। कैंटीन की जांच पड़ताल की व नमूने लिए। सवाल यह है कि विषाक्त भोजन कहा गया। साथ ही क्या भोजन के साथ छेड़खानी की गई या नहीं।

शुक्रवार को स्कूल रहा बंद
शुक्रवार को स्कूल में छुट्टी कर दी गई। बच्चों की हालत अब भी गंभीर है। हालांकि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। स्कूल प्रबंधन अब मामले को दबाने में लगा है। सिटी मजिस्ट्रेट एमके सिंह ने बताया कि प्रशासन की तरफ से स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बाकी काम पुलिस का है वह मामले की जांच कर रही है।

सीएमओ ने बनाई जांच समिति
विषाक्त भोजन के मामले में सीएमओ ने दो सदस्यीय एक जांच समिति बनाई है। इसमें एक सदस्य संक्रमण रोगों का विशेषज्ञ है। दोनों सदस्य मामले की जांच कर एक सप्ताह में सीएमओ को रिपोर्ट सौंपेगे। इसके लिए शहर के उन अस्पतालों जिनमे बच्चे भर्ती थे वहां से बच्चों की रिपोर्ट
मांगी जा रही है।


रिपोर्ट व स्कूल प्रबंधन से बातचीत के बाद ही रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


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