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मेडल से चूकने के बाद मनु भाकर ने कहा, 'मैं 25 मीटर पिस्टल फाइनल में काफी नर्वस थी'

भारतीय निशानेबाज मनु भाकर लगातार तीसरा ओलंपिक पदक जीतने से चूक गईं। शनिवार को हुए 25 मीटर पिस्टल महिला फाइनल में वह 28 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं। 22 वर्षीय मनु ने स्वीकार किया कि वह फाइनल में काफी नर्वस हो गईं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकीं

मेडल से चूकने के बाद मनु भाकर ने कहा, मैं 25 मीटर पिस्टल फाइनल में काफी नर्वस थी
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पेरिस ओलंपिक। भारतीय निशानेबाज मनु भाकर लगातार तीसरा ओलंपिक पदक जीतने से चूक गईं। शनिवार को हुए 25 मीटर पिस्टल महिला फाइनल में वह 28 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं। 22 वर्षीय मनु ने स्वीकार किया कि वह फाइनल में काफी नर्वस हो गईं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकीं।

मनु शुरुआत में पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ तीसरे स्थान पर थीं, लेकिन शूट-ऑफ में दो अंक गंवाने के कारण वह कांस्य पदक से चूक गईं।

मनु ने कहा, "फाइनल में मैं बहुत नर्वस हो गई थी। हालांकि मैंने हर शॉट पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की, लेकिन चीजें मेरे पक्ष में नहीं रहीं। अगला मौका जरूर आएगा और मैं उसका इंतजार कर रही हूं। मैं शांत रहने और अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन यह काफी नहीं था। मैं दो पदक जीतकर खुश हूं, लेकिन चौथा स्थान अच्छा नहीं है।"

इस इवेंट में दक्षिण कोरिया की यांग जिन ने शूट-ऑफ में 4-1 से जीतकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि फ्रांस की कैमिल जेद्रेजेव्स्की रजत पदक विजेता रहीं।

जब मनु से पूछा गया कि क्या सोशल मीडिया के दबाव ने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया, तो उन्होंने जवाब दिया, "ईमानदारी से, मैं सोशल मीडिया से दूर रही हूं। मैं बिल्कुल भी फोन चेक नहीं कर रही थी। ज्यादातर प्रतियोगिताओं में मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, लेकिन आज ऐसा नहीं हो सका।"

टोक्यो 2020 की निराशा के बाद पेरिस 2024 में अपनी सफलता पर मनु भाकर ने कहा कि इस जीत के पीछे कड़ी मेहनत का सफर रहा है।

उन्होंने कहा, "पर्दे के पीछे बहुत मेहनत हुई है। मैं तो यहां पोडियम पर खड़ी हूं, लेकिन बहुत से लोगों ने मेरी इस सफलता के लिए कड़ी मेहनत की है, ताकि भारत पदक जीत सके। मैं खुश हूं कि मेरी पूरी टीम मेरे साथ रही और मुझे हर कदम पर सहयोग दिया। मैं ओजीक्यू टीम, साई टीम, पूरे मंत्रालय और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाला। मेरे कोच जसपाल सर, मेरे माता-पिता, मेरे परिवार, मेरे दोस्तों और रेंज के सारे स्टाफ का बहुत-बहुत धन्यवाद। भारत के लिए चीयर करते रहिए और अगली बार शायद हम और ऊंची उड़ान भर सकें। उम्मीद सबसे अच्छी होती है।"

ओलंपिक में मनु भाकर के सभी इवेंट्स खत्म हो गए हैं। उन्होंने कहा, "सबसे पहले तो मैं लंच करूंगी क्योंकि इन दिनों मुझे लंच नहीं मिल पा रहा था। मैं नाश्ता करती थी और पूरा दिन रेंज पर बिताती थी। शाम को खा पाती थी। अब और मेहनत करूंगी।"

मनु भाकर से पहले किसी भी भारतीय निशानेबाज ने एक ही ओलंपिक में एक से अधिक फाइनल में जगह नहीं बनाई थी, और सिर्फ अभिनव बिंद्रा ही तीन ओलंपिक में भारत के लिए तीन शूटिंग फाइनल में पहुंचे थे।

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल (सरबजीत सिंह के साथ) स्पर्धाओं में भारत के लिए कांस्य पदक जीते थे। वह देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं, और साथ ही एक ही ओलंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। मनु के लिए पेरिस ओलंपिक ऐतिहासिक रहा।


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