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कर्नाटक के बाद हिमाचल-तेलंगाना के सीएम को राहुल की चिट्ठी , 'रोहित वेमुला एक्ट' लागू करने का आग्रह

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को चिट्ठी लिखकर 'रोहित वेमुला एक्ट' लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने सीएम सुक्खू और रेवंत रेड्डी को लिखी चिट्ठी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की

कर्नाटक के बाद हिमाचल-तेलंगाना के सीएम को राहुल की चिट्ठी , रोहित वेमुला एक्ट लागू करने का आग्रह
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नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को चिट्ठी लिखकर 'रोहित वेमुला एक्ट' लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने सीएम सुक्खू और रेवंत रेड्डी को लिखी चिट्ठी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर बच्चे को शिक्षा तक समान पहुंच दिलाने और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''जब तक हर छात्र को बिना भेदभाव के सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर नहीं मिलेगा, तब तक हमारी शिक्षा व्यवस्था सभी के लिए न्यायपूर्ण नहीं हो सकती। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखने के बाद मैंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को पत्र लिखकर ‘रोहित वेमुला एक्ट’ लागू करने का आग्रह किया है। ''



उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी हर बच्चे को शिक्षा तक समान पहुंच दिलाने और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

राहुल गांधी ने दोनों मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बाबा साहेब अंबेडकर के बचपन की दो घटनाओं का जिक्र किया। पहला, जब बैलगाड़ी यात्रा के दौरान बाबा साहेब को "अछूत" होने के कारण पानी नहीं मिला था और दूसरा, जब स्कूल में उन्हें अपनी योग्यता के बावजूद अकेले बैठना पड़ता था।

इससे पहले उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को चिट्ठी लिखकर 'रोहित वेमुला एक्ट' लागू करने की मांग की थी।

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राहुल गांधी ने बीते दिनों दलित, आदिवासी और ओबीसी छात्रों से मुलाकात करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, ''हाल ही में संसद में मेरी मुलाकात दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय के छात्रों और शिक्षकों से हुई थी। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें किस तरह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति के आधार पर भेदभाव झेलना पड़ता है। बाबा साहेब अंबेडकर ने दिखाया था कि शिक्षा ही वह साधन है, जिससे वंचित भी सशक्त बनकर जातिभेद को तोड़ सकते हैं। लेकिन, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दशकों बाद भी लाखों छात्र हमारी शिक्षा व्यवस्था में जातिगत भेदभाव का सामना कर रहे ‌हैं।''

उन्होंने लिखा था, ''इसी भेदभाव ने रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार छात्रों की जान ली है। ऐसी भयावह घटनाएं किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। अब इस अन्याय पर पूरी तरह से रोक लगाने का वक्त है।‌ मैंने सीएम सिद्धारमैया को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कर्नाटक में रोहित वेमुला एक्ट लागू किया जाए।''


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