चंबल के बाद अब सिंध में भी बाढ़ से आधा दर्जन गांव डूबे
मध्यप्रदेश के भिंड जिले में चंबल के साथ अब सिंध नदी के भी रौद्र रूप दिखाने से ऊमरी क्षेत्र के आधा दर्जन से भी ज्यादा गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।

भिंड । मध्यप्रदेश के भिंड जिले में चंबल के साथ अब सिंध नदी के भी रौद्र रूप दिखाने से ऊमरी क्षेत्र के आधा दर्जन से भी ज्यादा गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
सबसे ज्यादा भयावह स्थिति टेहनगुर में बनी है। यहां सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से आधा गांव डूब क्षेत्र में आ गया है। गांव में एक मंजिला मकानों के ऊपर तक पानी पहुंच गया। वहीं द्वार गांव में प्रशासन ने डूब प्रभावित मकानों को खाली करा दिया है।
पिछले दो दिनों में प्रशासन ने चंबल नदी के किनारे बसे आठ गांवों से करीब डेढ़ हजार लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला है। कई गांवों में पुरुष अभी भी रुके हुए हैं, लेकिन आज प्रशासन ने उन्हें भी नाव के जरिए बाहर निकालना शुरू कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि कोटा बैराज से पानी बंद होने के दो दिन बाद जिले में स्थिति सामान्य होगी। उन्होंने चंबल का जलस्तर 129, 130 मीटर तक पहुंचने पर एयर लिफ्टिंग की भी तैयारी कर ली है।
चंबल और सिंध नदियों का जल स्तर बढ़ने से रौन क्षेत्र के ग्राम हिलगवां, दोहाई, लोहचरा बाढ की चपेट में हैं। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने इन गांवों में पहुंचकर बाढ की स्थिति का जायजा लिया। मंत्री ने ग्रामीणों से गांव खाली कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए कहा है।
जिले के मछंड में पहुज नदी उफान पर आ जाने से लोंहचरा गांव का संपर्क टूट गया है।
स्थानीय सांसद संध्या राय भी कल नाव से नावली वृंदावन गांव पहुंची। उन्होंने लोगों को बाहर आने की समझाइश दी।


