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बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड में साढ़े 5 साल बाद आया फैसला,जाहिदा, सबा सहित 4 को उम्रकैद

इंदौर/भोपाल ! विशेष सीबीआई अदालत ने वर्ष 2011 के बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड में मामले की मास्टरमाइंड जाहिदा परवेज समेत 4 लोगों को आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई है,

बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड में साढ़े 5 साल बाद आया फैसला,जाहिदा, सबा सहित 4 को उम्रकैद
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इंदौर/भोपाल ! विशेष सीबीआई अदालत ने वर्ष 2011 के बहुचर्चित शहला मसूद हत्याकांड में मामले की मास्टरमाइंड जाहिदा परवेज समेत 4 लोगों को आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि सरकारी गवाह बने आरोपी को क्षमादान दे दिया। विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीके पालोदा ने भोपाल में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के करीब साढ़े पांच साल पुराने मामले में जाहिदा के साथ उसकी अंतरंग सहेली सबा फारुकी, भाड़े के हत्यारों का इंतजाम करने वाले शाकिब अली उर्फ ‘डेंजर’ और भाड़े के कातिल ताबिश को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक साजिश) और अन्य सम्बद्ध धाराओं के तहत दोषी करार दिया।
विशेष न्यायाधीश ने मामले के पांच आरोपियों में शामिल इरफान को अदालत कक्ष में यह मौखिक टिप्पणी करते हुए क्षमादान सुनाया कि उसने सरकारी गवाह के रूप में सही बयान दर्ज कराये। कानपुर निवासी इरफान पर धन के लालच में शहला हत्याकांड में शामिल होने का आरोप था। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अतुल कुमार ने बताया कि अभियोजन ने अपनी इस कहानी को अदालत में साबित किया कि जाहिदा ने शहला हत्याकांड की साजिश को ‘सौतिया डाह’ के चलते अन्य आरोपियों की मदद से इसलिये अमली जामा पहनाया, क्योंकि 38 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता की नजदीकियां भोपाल के तत्कालीन भाजपा विधायक धु्रवनारायण सिंह से लगातार बढ़ती जा रही थीं, सीबीआई ने हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई के दौरान पिछले पांच वर्षों में करीब 80 गवाहों को विशेष अदालत में पेश किया था। शहला मसूद की उनके भोपाल के कोहेफिजा क्षेत्र स्थित घर के बाहर 16 अगस्त 2011 को साजिश के तहत गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। उनका शव उनकी कार की सीट पर मिला था। आज मामले में विशेष सीबीआई अदालत के फैसला सुनाये जाते वक्त न्यायालय कक्ष के बाहर खासी भीड़ और गहमागहमी थी। पुलिस ने इसके मद्देनजर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये थे और इस परिसर में आने.जाने वाले लोगों की तलाशी ली जा रही थी।
जाहिदा ने खुद को बताया निर्दोष
जाहिदा ने अपने खिलाफ सुनाये गये फैसले पर असंतोष जाहिर किया और मीडिया के कैमरों के सामने चीखते हुए खुद को बेगुनाह बताया। कैदियों को जेल से लाने वाली गाड़ी के दरवाजे पर खड़ी अहम मुजरिम ने आरोप लगाया, ‘‘मुझे ताज्जुब है कि बिना सबूतों और गवाहों के इतना बड़ा फैसला सुना दिया गया। यह सीबीआई का दबाव है, जो मध्य प्रदेश में चलता है।
उच्च न्यायालय में करेंगे अपील
जाहिदा, शाकिब और ताबिश के वकील संजय शर्मा ने कहा कि वह विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। सबा के वकील सुनील श्रीवास्तव ने भी कहा कि वह अदालती फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
सरकारी गवाह बने इरफान को किया बरी
मामले से जुड़ी प्रमुख जानकारी
16 अगस्त 2011 को भोपाल के कोहेफिजा में शहला मसूद की गोली मारकर हत्या।
मार्च 2012 में इस मामले में जाहिदा, सवा, शाकिब, इरफान और ताबिश की गिरफ्तारी।
इस मामले में भाजपा विधायक धु्रवनारायण सिंह से भी पूछताछ।
आरोपी इरफान बना सरकारी गवाह।
सीबीआई ने मामले में 80 लोगों की गवाही कराई।
फैसला सही : सुल्तान
सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दिये गए फैसले पर शहला के पिता मसूद सुल्तान ने संतोष व्यक्त किया है। फैसले के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, कि यह एक सही फैसला है। उन्हें सख्त सजा की उम्मीद थी।


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