Top
Begin typing your search above and press return to search.

भाजपा से मिल रही चुनौती से घबराकर भूपेश कर रहे हैं लगातार घोषणाएं – रमन

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने दावा किया कि राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल में तेजी से हुए परिवर्तन और सरकारी एवं इन्टर्नल सर्वेक्षणों में इसकी पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घबराहट में कर्जमाफी जैसी घोषणाएं कर आखिरी शस्त्र छोड़ने की कोशिश कर रहे है।

भाजपा से मिल रही चुनौती से घबराकर भूपेश कर रहे हैं लगातार घोषणाएं – रमन
X

रायपुर । भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने दावा किया कि राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल में तेजी से हुए परिवर्तन और सरकारी एवं इन्टर्नल सर्वेक्षणों में इसकी पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घबराहट में कर्जमाफी जैसी घोषणाएं कर आखिरी शस्त्र छोड़ने की कोशिश कर रहे है।

डा.सिंह ने अपने चुनाव क्षेत्र राजनांदगांव में प्रचार के दौरान दौरे पर गए यूनीवार्ता संवाददाता से विशेष बातचीत में कहा कि पांच वर्ष में किसान कैसे हजारों करोड़ रूपए के कर्ज में डूब गया,और आपको फिर कर्जमाफी की घोषणा करनी पड़ रही है।

किसानों की आमदनी बढ़ने,गोबर बेचकर ट्रैक्टर खरीदने,बाइक और कार खरीदने जैसे प्रचार का क्या हुआ,इस घोषणा से साफ हो गया कि सब हवा हवाई था।किसानों पर पांच वर्ष में 10 हजार करोड़ रूपए का ऋण हो गया,इसका मतलब किसानों के हित काम नही हुआ।

उन्होने कहा कि भूपेश सरकार ने पिछली बार कर्ज माफी करने के बड़े बड़े दावे किए जबकि सच यह था कि केवल सहकारी समितियों के ऋण माफ हुए।किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण का कुछ नही हुआ था।

उन्होने कहा कि कि इनकी कर्जमाफी नीति ही गलत थी। इस बार भी इनकी यह घोषणा लालीपाप से ज्यादा कुछ नही है,और इससे वह बदलाव की बहती बयार को रोकने में कामयाब नही होने वाले है।उन्होने कहा कि पिछली बार लोगो ने कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में किए वादों पर विश्वास किया लेकिन अब छले जाने के बाद वह इनके झांसे में नही आने वाले हैं।

कांग्रेस की लोक लुभावन और मतदाताओं को सीधे आकर्षित करने घोषणाओं से भाजपा कैसे निपटेंगी,यह पूछे जाने पर डा.सिंह ने कहा कि..वह घबराहट में घोषणाएं कर रहे है,जबकि भाजपा अपनी सरकार बनने को लेकर आश्वस्त है,

उसकी घोषणा पत्र समिति सभी वर्गों के लोगो से सीधे बातचीत कर इसे तैयार कर रही है।इसमें किसानों,मजदूरों,श्रमिकों, व्यापारियों,नौकरीपेशा सभी वर्गों के लिए उनसे मिले सुझाव के आधार पर कुछ न कुछ होगा..। उन्होने घोषणा पत्र के मुख्य वादों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसके आने का इंतजार करिए,कांग्रेस से कहीं बेहतर होगा।

डा.सिंह ने कहा कि 2003 में जोगी सरकार में जो भय एवं आतंक का माहौल था,इससे भी गंभीर हालात इस समय है।जोगी एवं भूपेश सरकार में समानता है,और कुछ मामलों में यह जोगी सरकार से आगे है। इनकी राज्य को पीछे ले जाने वाली नीतियों,भ्रष्टाचार और वादे पूरा नही करने से लोगो में गुस्सा अब साफ दिख रहा है। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद तस्वीर और साफ हो गई है और भाजपा सर्वेक्षणों में कांग्रेस से आगे निकल गई है।

उन्होने भाजपा के पक्ष में माहौल के परिवर्तन के कारणों के पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा नही किया जाना,भ्रष्टाचार का चौतरफा बोलबाला होना तथा राज्य में विकास कार्यों का ठप पड़ जाना इसके सबसे अहम कारण है।

उन्होने कहा कि राज्य के लोगो ने 15 वर्षों के शासनकाल में राज्य में हुए चौमुखी विकास को देखा है। उस दौरान अद्योसंरचना के बड़े कार्य तो हुए ही गांव गांव में सड़क पुल पुलियों का जाल बिछ गया। आज हालत यह हैं कि सड़कों की मरम्मत तक के लिए सरकार के पास पैसा ही नही है। मुख्य मार्गों से गांवों कस्बों को जोड़ने वाली सड़के चलने लायक नही रह गई है।

नक्सलियों द्वारा कुछ हत्याएं और चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिशों से चुनाव पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि नक्सली हर बार चुनाव के मौके पर दबाब बनाने की कोशिश करते है,लेकिन उन्हे नही लगता कि वह इसके जरिए लोगो की भावना को बदल सकते है। बस्तर के दूर दराज इलाकों में पिछले चुनावों में भारी मतदान इसका उदाहरण हैं कि उनकी बहिष्कार जैसे आह्वानों का कोई मतलब नही रह गया है।

राजनांदगाव सीट पर अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त डा.सिंह ने कहा कि हर वर्ग के लोगो का समर्थन उनके साथ है। पिछली बार वह मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव मैदान में थे जबकि इस बार विपक्ष में रहते चुनाव लड़ रहे है। इस बार उन्हे पिछली बार से कहीं अधिक समर्थन मिल रहा है। लोगो ने देखा है कि भूपेश सरकार ने किस तरह से राजनांदगांव का विकास रोक दिया। इसके साथ बदले की भावना से काम हुआ।

मेडिकल कालेज,आर्युवेदिक कालेज जैसी तमाम संस्थाओं को उनकी सरकार ने खड़ा किया था,और इसमें हजारों लोगो को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला था,आज यह सब बदहाल है या बन्द है। लोग इसका जवाब देने के लिए सात नवम्बर को मतदान के दिन का इंतजार कर रहे है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it