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अफगान बच्चों के लिए अमेरिकी सैन्य बेस पर खोला स्कूल

तीन महिलाओं ने अफगानिस्तान से आए बच्चों के लिए अमेरिका के एक सैन्य बेस पर स्कूल खोला है.

अफगान बच्चों के लिए अमेरिकी सैन्य बेस पर खोला स्कूल
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अफगानिस्तान से अमेरिका आए दर्जनों शरणार्थी बच्चे रंग भरने वाली किताब के साथ बैठे हैं. मेज पर पेंसिल भी फैले हुए हैं. वे बड़े ही ध्यान के साथ अंग्रेजी और गणित पढ़ रहे हैं. साथ ही उन्हें अमेरिकी जीवन के बारे में बताया जा रहा है.

विस्कॉन्सिन में फोर्ट मैककॉय बेस में अस्थायी रूप से रहने वाले सैकड़ों बच्चे 53,000 अफगानों में से हैं, जिन्होंने अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अपना देश छोड़ दिया था. उन्हें अमेरिका भर के सैन्य ठिकानों में रखा गया है.

तीन महिलाओं को जब यह अहसास हुआ कि बच्चे नियमित शिक्षा से दूर हो रहे हैं तो उन्होंने सैन्य अड्डे पर ही कैंप स्कूल खोलने का फैसला किया. इस अस्थायी स्कूल का नाम "राइज अगेन" रखा गया है.

स्कूल की तीन संस्थापकों में से एक नीलाब इब्राहिमी कहती हैं, "शिविर में पहुंचने के बाद हमने बच्चों को इधर-उधर घूमते देखा. वे कुछ नहीं कर रहे थे. तभी हमने एक स्कूल के बारे में सोचा उसके बाद हमने पहले ही दिन 130 बच्चों को स्कूल में दाखिल करा लिया."

एशियन यूनिवर्सिटी फॉर वुमन से 23 वर्षीय स्नातक कहती हैं, "हम उन्हें पढ़ा रहे हैं ताकि वे नए माहौल के साथ तालमेल बिठा सकें. शरणार्थी कैंपों के बाहर स्कूलों में वे परेशान ना हो."

बिल और मेलिंडा गेट्स समेत दानदाताओं द्वारा वित्त पोषित फाउंडेशन बांग्लादेश स्थित एयूडब्लू छात्रवृत्ति मुहैया कराता है. ऐसे छात्र जो कमजोर समूह से आते हैं.

जब इब्राहिमी और उनकी दो साथी एयूडब्लू छात्र बातूल बेहनामी और सेफारा आजमी ने फोर्ट मैककॉय में कक्षाएं शुरू कीं तो किताबें और पेंसिंल कम पड़ गए. उनकी अपील के बाद स्थानीय एनजीओ ने आपूर्ति पर तेजी से जवाब दिया. बच्चों को किताबें और पेंसिल दिए गए.

बेहनामी कहती हैं, "बच्चों के साथ-साथ हम उनके माता-पिता को भी गहन जानकारी देते हैं."

यह स्पष्ट नहीं है कि कितने अफगान नागरिक अमेरिका में बसेंगे लेकिन पेंटागन ने कहा है कि कुल संख्या एक लाख के अधिक होने की उम्मीद है.


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