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पाक जाकर उच्च शिक्षा न लें छात्र- एडवायज़री

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई ने भारतीय विद्यार्थियों के लिए एडवायज़री जारी की है कि वे पाकिस्तान के किसी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश न लें, अन्यथा वे अपने देश में किसी नौकरी या उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए पात्र नहीं रहेंगे।

पाक जाकर उच्च शिक्षा न लें छात्र- एडवायज़री
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पिछले आठ सालों में देश में कई पुराने नियम, कानून और परंपराएं बदल दी गई हैं, अब इस बदलाव में शिक्षा के क्षेत्र में भी नए नियम लागू किए जा रहे हैं। हाल ही में 10 वीं से लेकर 12वीं तक पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ और अब उच्च शिक्षा में भारतीय छात्रों के लिए बड़ी खबर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई ने भारतीय विद्यार्थियों के लिए एडवायज़री जारी की है कि वे पाकिस्तान के किसी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश न लें, अन्यथा वे अपने देश में किसी नौकरी या उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए पात्र नहीं रहेंगे।

देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक के बाद एक बदलाव की खबरें आ रही हैं। अभी सीबीएसई ने 10वीं से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है और अब उच्च शिक्षा के लिए यूजीसी और एआईसीटीई ने एडवायज़री जारी कर भारतीय छात्रों को सलाह दी है कि वे पाकिस्तान के किसी भी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में दाखिला नहीं लें, अगर वे ऐसा करते हैं तो वे देश में काम खोजने या उच्च शिक्षा में आगे बढ़ने में असमर्थ होंगे।
यूजीसी और एआईसीटीई की ओर से संयुक्त रूप से यह परामर्श जारी किया गया है। एडवायज़री में कहा गया है, ‘‘सभी विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान न जाएं। पाकिस्तान के किसी कॉलेज या शिक्षण संस्थान में कोई भी भारतीय नागरिक या भारतीय मूल का विदेश नागरिक (ओआईसी) प्रवेश लेना चाहता है तो वह पाकिस्तानी प्रमाण-पत्र के आधार पर भारत में नौकरी या उच्च शिक्षा के लिए पात्र नहीं रह जाएगा।’’ हालांकि एडवाजरी इस बात की अनुमति देती है कि प्रवासी नागरिक और उनके बच्चे, जिन्होंने पाकिस्तान में शिक्षा पाई है तथा भारत द्वारा उन्हें नागरिकता मिली हुई है, वे भारत में रोजगार हासिल करने के लिए पात्र होंगे, लेकिन इससे पहले उन्हें गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा मंजूरी लेनी होगी।
शुक्रवार, 22 अप्रैल को जारी इस एडवायज़री के पीछे मकसद क्या है, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि इससे पहले सीबीएसई ने सत्र 2022-23 के लिए जो नया सिलेबस जारी किया है उसमें दसवीं कक्षा की एनसीईआरटी की किताब से फैज अहमद फैज की दो नज्मों के अंशों को हटा दिया गया है, इसके अलावा कक्षा दसवीं के खाद्य सुरक्षा अध्याय से कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव के हिस्से को हटाया गया। ग्यारहवीं के इतिहास की पुस्तक से इस्लाम की स्थापना, उसके उदय और विस्तार की कहानी को हटाया गया। कक्षा ग्यारहवीं के गणित की किताब में भी कई बदलाव किए गए हैं। बारहवीं के पॉलिटिकल साइंस से शीत युद्ध काल और गुटनिरपेक्ष आंदोलन का पाठ बाहर हो गया है, बारहवीं की किताब से मुगल साम्राज्य के शासन-प्रशासन पर एक अध्याय में तब्दीली हुई है और पुस्तक से “लोकतंत्र और विविधता” पर अध्याय भी हटा दिए गए हैं।


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