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देश की तरक्की के लिए नई तकनीक को करें ग्रहण : एनके सिंह

वरिष्ठ अर्थशास्त्री, पूर्व राज्यसभा सांसद व 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा कि भारत की तरक्की के लिए नई तकनीक को ग्रहण करें। उसे आगे बढ़ाएं

देश की तरक्की के लिए नई तकनीक को करें ग्रहण : एनके सिंह
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लखनऊ। वरिष्ठ अर्थशास्त्री, पूर्व राज्यसभा सांसद व 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा कि भारत की तरक्की के लिए नई तकनीक को ग्रहण करें। उसे आगे बढ़ाएं। तकनीक को ग्रहण करने की क्षमता में वृद्धि करें।

एनके सिंह बुधवार को दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एक होटल में दो सत्र में हुए कार्यक्रम की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर हुई।

प्रथम सत्र में 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह ने 'विश्व पटल पर आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता भारत' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए भारत को नई दिशा दी है। गरीबों के हितों में काम किया। प्रधानमंत्री ने मुझे फिजिकल रिस्पांसबिलिटी कमेटी का उत्तरदायित्व सौंपा था, जिसे मैंने पूरी क्षमता से पूरा किया। कमेटी की रिपोर्ट सदन के समक्ष पेश की गई, सदन ने उसे स्वीकार किया।

उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य मिलकर काम करें। गरीबी को खत्म करें। योजनाओं को लागू करें, तभी विकसित भारत की परिकल्पना पूरी होगी। पर्यावरण की चुनौतियों को भी स्वीकार करें। उसका डटकर मुकाबला करें।

द्वितीय सत्र में इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने 'विकसित भारत विजन-2047' पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जीवन सबके लिए प्रेरणास्रोत है। समाज के सबसे पीछे खड़े व्यक्ति का कल्याण करना है, ताकि 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा पूरा हो सके। जब तक 140 करोड़ जनता का उत्थान नहीं होगा, तब तक भारत का उत्थान नहीं होगा।

कार्यक्रम के संयोजक उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने आजाद भारत की जो परिकल्पना की थी, उसे मूर्त रूप देने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। उनका मानना था कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए उसे मुख्यधारा में लाना होगा, तभी आजाद भारत का सपना साकार होगा। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां व गरीब कल्याण योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच के मुताबिक आगे बढ़ाई जा रही हैं। सरकार गरीबों को मुख्यधारा में लाकर उनके जीवन को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। किसान सम्मान निधि, पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि देशवासियों के लिए वरदान बन गई हैं।


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