ईस्टर्न पेरिफेरल रोड से प्रभावित दो हजार किसानों के लिए प्रशासन ने खोली तिजोरी
ईस्टर्न पेरिफेरल रोड से प्रभावित करीब 2000 किसानों के लिए खुशखबरी

गाजियाबाद। ईस्टर्न पेरिफेरल रोड से प्रभावित करीब 2000 किसानों के लिए खुशखबरी। इन किसानों को जल्दी ही उनका रुका हुआ करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रूपए का मुआवजा मिलेगा। वहीं दूसरी और मेरठ एक्सप्रेस-वे के किसानों को अभी रुका मुआवजा रिलीज नहीं होगा। इसको लेकर प्रशासन और एनएचएआई में विवाद हो गया।
गत दिनों मेरठ एक्सप्रेस-वे के मुआवजे में हुए घोटाले के सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन ने मेरठ एक्सप्रेस-वे के साथ ईस्टर्न पेरिफेरल रोड के मुआवजे को रोक दिया था। इस मामले में एक रिपोर्ट प्रशासन ने एनएचएआई को भेजी गई थी। मंगलवार को एनएचएआई ने ईस्टर्न पेरिफेरल रोड से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने को ग्रीन सिग्नल जारी कर दिया।
इस रोड से प्रभावित करीब दो हजार किसानों को मुआवजा जारी करने के लिए मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने भी ग्रीन सिग्नल दे दिया। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए कुल आठ गांवों की जमीन ली गई है। कुल मिलाकर करीब इस जमीन का कुल मिलाकर करीब 1300 करोड़ रूपया बांटा जाना है। स्कीम से करीब 3600 किसान प्रभावित है।
एडीएम भू अर्जन डीपी श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक करीब 750 करोड़ रुपए का वितरण कर दिया गया है। बाकि करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रूपए वितरण और होना है। मंडलायुक्त के ग्रीन सिग्नल के बाद करीब 2000 किसानों को यह मुआवजा वितरण करने का रास्ता साफ हो गया है। मुआवजा एक दो दिन में फिर से बंटना शुरू हो जाएगा। इससे किसानों को भी राहत मिलेगी।
मुआवजा घोटाले में मेरठ एक्सप्रेस-वे का मुआवजा रोका हुआ है। इसको लेकर अब विवाद हो गया। एनएचएआई का कहना है कि जिस मुआवजे को प्रशासन ने तय कर दिया और अप्रूवल एनएचएआई दे चुका है प्रशासन उसका मुआवजा अनुचित तरीके से रोक रहा है। इसके बाद जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने मुआवजे के वितरण की अनुमति के लिए मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार से अनुमति मांगी है।


