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अधीर रंजन ने आईटी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की

लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस मामले में सदन को कथित तौर पर भ्रमित करने के मामले में रविवार को सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ विशेषााधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की

अधीर रंजन ने आईटी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की
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नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस मामले में सदन को कथित तौर पर भ्रमित करने के मामले में रविवार को सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ विशेषााधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की।

श्री चौधरी की मांग न्यूयॉर्क टाइम्स की उस रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार ने 2017 में इजराइल के साथ एक सौदे के तहत पेगासस जासूसी उपकरण खरीदा था। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि स्पाइवेयर का उपयोग करके अवैध जासूसी करना देशद्रोह है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में भारत और इजराइल के बीच परिष्कृत हथियारों और खुफिया उपकरणों के लगभग 2 अरब डॉलर के सौदे में इजराइली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली उस समझौते का मुख्य बिंदु था।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर हमला करते हुए ट्विटर पर कहा, मोदी सरकार ने भारत के दुश्मनों की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ युद्ध के हथियार का इस्तेमाल किया?

इस मामले में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कहा है मोदी सरकार को आज न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे का खंडन करना चाहिए कि उसने वास्तव में करदाताओं के 300 करोड़ रुपये से इजरायली एनएसओ कंपनी द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पेगासस को खरीदा था।

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा इसका अर्थ यही है कि प्रथम ²ष्टया हमारी सरकार ने उच्चत्तम न्यायालय और संसद को गुमराह किया। वाटरगेट?

गौरतलब है कि पेगासस मुद्दे ने संसद की कार्यवाही को प्रभावित किया है और इस मुद्दे पर विपक्ष के विरोध के कारण मानसून और शीतकालीन सत्र हंगामें की भेंट चढ़ गए।

कई लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के कथित उपयोग की जांच करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय जांच संघ ने कहा कि भारतीय मंत्रियों, राजनेताओं, कार्यकर्ताओं व्यापारियों और पत्रकारों को एनएसओ समूह के फोन हैकिंग सॉफ्टवेयर की मदद से निशाना बनाया गया था।

उच्चत्तम न्यायालय ने जासूसी कराने के मामले में पेगासस के कथित उपयोग की जांच के लिए तीन सदस्यीय स्वतंत्र विशेषज्ञ पैनल का गठन किया था। हालांकि सरकार ने इस मामले में उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था।


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