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डेटा की प्रचुर उपलब्धता से विज्ञान को मिलेगी मदद : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आधुनिक युग में डेटा की प्रचुर उपलब्धता और तकनीक से विज्ञान को मदद मिलेगी।

डेटा की प्रचुर उपलब्धता से विज्ञान को मिलेगी मदद : मोदी
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नई दिल्ली, 3 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आधुनिक युग में डेटा की प्रचुर उपलब्धता और तकनीक से विज्ञान को मदद मिलेगी। नागपुर में शुरू हुई 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस को आभासी रूप से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, भारत का वैज्ञानिक समुदाय हमारे देश के लिए एक योग्य स्थान सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि डेटा विश्लेषण का क्षेत्र बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है, जो सूचना को अंतर्दृष्टि और विश्लेषण को कार्रवाई योग्य ज्ञान में बदलने में बहुत मदद करता है।

प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की, चाहे वह पारंपरिक ज्ञान हो या आधुनिक तकनीक, प्रत्येक वैज्ञानिक खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने विभिन्न तकनीकों को लागू करके वैज्ञानिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

विज्ञान में महिलाओं के योगदान पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि देश में महिलाएं और विज्ञान दोनों प्रगति कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमारी सोच सिर्फ यह नहीं है कि हमें विज्ञान के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना चाहिए, बल्कि महिलाओं के योगदान से विज्ञान को भी सशक्त बनाना चाहिए।

विज्ञान के प्रयास महान उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं जब वे प्रयोगशाला से निकलकर जमीन पर पहुंचें, और उनका प्रभाव वैश्विक से जमीन स्तर तक पहुंचे।

प्रधानमंत्री ने उभरती हुई बीमारियों से निपटने के तरीके विकसित करने और नए टीकों के विकास में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता में वैज्ञानिक समुदाय की भूमिका पर जोर दिया।

उन्होंने बीमारियों का समय पर पता लगाने के लिए एकीकृत रोग निगरानी की बात कही।

इसके लिए उन्होंने सभी मंत्रालयों के समन्वित प्रयासों की जरूरत पर बल दिया। पीएम ने कहा, लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट मूवमेंट से वैज्ञानिकों को काफी मदद मिल सकती है।

देश में विज्ञान के विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाले मुद्दों की ओर इशारा करते हुए मोदी ने टिप्पणी की कि भारत की आवश्यकताओं को पूरा करना पूरे वैज्ञानिक समुदाय के लिए प्रेरणा का मूल होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, विज्ञान से देश आत्मनिर्भर बनेग यह देखते हुए कि 17 से 18 प्रतिशत मानव आबादी भारत में निवास करती है, इस तरह के वैज्ञानिक विकास से पूरी दुनिया को लाभ होगा।

मोदी ने कहा कि यह प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व की बात है कि भारत के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है।

उन्होंने बताया कि भारत के बाजरा और इसके उपयोग में सुधार के लिए काम किया जा सकता है जबकि जैव प्रौद्योगिकी की मदद से वैज्ञानिक समुदाय द्वारा फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं।


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