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अभिनेत्री विद्या सिन्हा ने दुनिया को कहा, अलविदा 

दिग्गज अभिनेत्री विद्या सिन्हा का आज दिल और फेफड़े की बीमारी के चलते निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों से इसकी जानकारी मिली।

अभिनेत्री विद्या सिन्हा ने दुनिया को कहा, अलविदा 
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मुंबई । दिग्गज अभिनेत्री विद्या सिन्हा का आज दिल और फेफड़े की बीमारी के चलते निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों से इसकी जानकारी मिली। बासु चटर्जी की फिल्म 'रजनीगंधा' (1974) से उन्हें लोकप्रियता मिली थी।

विद्या ने 71 साल की उम्र में जुहू के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। सांस लेने में दिक्कत के चलते उन्हें पिछले रविवार को यहां भर्ती कराया गया था।

उनकी हालत चूंकि नाजुक थी, इस वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। आज दोपहर लगभग 1 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

आजकल वह टेलीविजन कार्यक्रम 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' में एक अहम किरदार निभा रही थीं।

बीच में, अपनी बीमारी के चलते वह सीरियल से गायब हो गई थीं, लेकिन कुछ ही हफ्तों पहले उन्होंने वापसी की थी।

सन् 70 और 80 के दशक में वह बॉलीवुड की एक जानी-मानी अभिनेत्री थीं। उस दौर के कई बड़े अभिनेताओं संग उन्होंने काम किया था।

विद्या सिन्हा ने कई तरह की फिल्मों में काम किया, जिनमें 'हवस' (1974), 'छोटी सी बात'(1975), 'मेरा जीवन' (1976), क्राइम थ्रिलर 'इन्कार' (1977), 'किताब' (1977), 'पति पत्नी और वो' (1978) और इसी साल बासु चटर्जी की फिल्म 'सफेद झूठ', हॉरर फिल्म 'सबूत' (1980), 'लव स्टोरी' (1981) जैसी फिल्में शामिल थीं।

साल 1981 में ही उनकी एक और फिल्म आई, जिसका नाम था 'जोश' और इसमें वह एक गैंगस्टर के किरदार में थीं। साल 2011 में आई सलमान खान की मेगा हिट 'बॉडीगार्ड' में वह विद्या सिन्हा ने काम किया था।

फिल्मों के अलावा उन्होंने टेलीविजन पर भी काम किया। उन्होंने 'काव्यांजलि' (2005), 'हार जीत' (2012), 'कुबूल है' (2012), 'इश्क का रंग सफेद' (2015), 'चंद्र नंदिनी' (2016), 'कुल्फी कुमार बाजेवाला' (2018 से अब तक) जैसे धारावाहिकों में भी काम किया।

विद्या का जन्म 15 नवंबर,1947 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम राणा प्रताप सिंह था जो फिल्म निर्माता थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक मॉडल के तौर पर की और मिस बॉम्बे का खिताब भी हासिल किया। इसके बाद वह फिल्मकार बासु चटर्जी की नजरों में आईं। तब तक उनकी शादी हो चुकी थी। अपनी प्रतिभा से उन्होंने इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई।

उनकी पहली फिल्म 'राजा काका' (1974) थी। हालांकि उन्हें पहचान बासु चटर्जी की फिल्म 'रजनीगंधा' ने दिलाई। इस फिल्म के टाइटल सॉन्ग को लता मंगेशकर ने गाया था जो लोगों के जेहन में आज भी ताजा है।

विद्या सिन्हा की शादी साल 1968 में वेंकटेशवरन अय्यर से हुई थी, दोनों की एक बेटी भी है जिनका नाम जाह्न्वी है।

साल 1996 में अय्यर के निधन के बाद विद्या ने कुछ समय के लिए एक्टिंग से दूरी बना ली थीं। इसके कुछ वक्त बाद उन्होंने नेताजी भीमराओ सालुंखे संग मंदिर में दोबारा शादी की।

दोनों अंधेरी वेस्ट में एक फ्लैट में रहते थे, लेकिन इसके कुछ दिनों बाद विद्या ने अपने पति पर उनके साथ मारपीट करने और पैसों की मांग करने का आरोप लगाया। विद्या ने भीमराओ के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी, जिसमें आखिरकार उन्हें जीत हासिल हुई।


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