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अतिक्रमित भूमि पर लगी फसल पर नहीं हो रही कार्रवाई

 जिला प्रशासन द्वारा गांवों में शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा का मुक्त कराने छेड़े गये अभियान के तहत 11 हजार एकड़ से अधिक भूमि खाली कराने का दावा किया गया था

अतिक्रमित भूमि पर लगी फसल पर नहीं हो रही कार्रवाई
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जांजगीर। जिला प्रशासन द्वारा गांवों में शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा का मुक्त कराने छेड़े गये अभियान के तहत 11 हजार एकड़ से अधिक भूमि खाली कराने का दावा किया गया था। साथ ही उक्त भूमि पर किसी प्रकार की फसल उगाये जाने पर रोक लगाते हुये अवमानना की दशा में कार्रवाई के निर्देश दिये गये थे।

मगर प्रशासन का जमीनी अमला इस फरमान को हल्के में लेता दिख रहा है। ग्राम पंचायत द्वारा माह भर पूर्व फसल जब्ती का प्रस्ताव पारित कर अनुविभागीय अधिकारी को दिये जाने के बावजूद अब तक कार्रवाई न होना यही बताता है। जिला प्रशासन द्वारा गांव की सरकारी जमीन पर बरसों से अवैध अतिक्रमण कर खेती करने वालों के खिलाफ विगत दो वर्षों से अभियान छेड़ने तथा हजार एकड़ भूमि खाली कराने का दावा किया गया, जिसकी प्रशंसा स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा जिला प्रवास के दौरान की गई थी।

मगर सरकारी दावों को धता बताते हुये अतिक्रमणकारी बेखौफ होकर न सिर्फ इन भूमि पर धान की फसल उगाये, बल्कि पंचायत द्वारा बैठक में प्रस्ताव पारित किये जाने के बाद भी अपनी फसल काटकर खलिहानों में ले जा रहे है। मामला नवागढ़ जनपद पंचायत के ग्राम महंत का है। जहां की पंचायत ने माह भर पूर्व बैठक कर इस आशय प्रस्ताव पारित करते हुये इसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय जांजगीर को दी थी।

पंचायत प्रतिनिधियों की माने तो उनक ओर से लिखित शिकायत में स्पष्ट रूप से गांव में लाल झण्डी गड़ाकर जिस शासकीय भूमि को खाली कराया गया, वहां अतिक्रमणकारी बिना किसी भय के धान की खेती कर अब अपनी फसल समेट रहे है। मगर माह भर पूर्व शासन को अवगत कराये जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है।

विदित हो कि पखवाड़े भर पूर्व ही जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई सूचना जिसमें अतिक्रमित भूमि पर फसल उगाने तथा काटे जाने की शिकायत मांगी गई थी। साथ ही शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिया गया था, ऐसे में प्रशासन के अधिकारी माह भर पूर्व हुई शिकायत पर किसी तरह जब्ती की कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रही, यह समझ से परे है।



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