चिदम्बरम के खिलाफ कार्रवाई बदले की भावना से प्रेरित : कांग्रेस
कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के खिलाफ कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताया है

नई दिल्ली। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के खिलाफ कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताया है।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर इस मामले में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह श्री चिदम्बरम के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है।
श्री सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “ भारत में मोदी सरकार द्वारा बदले की भावना से सबसे वीभत्स कार्रवाई की जा रही है क्योंकि भाजपा एक पुलिस राज्य चलाती है। न्यायाधीश सात महीने के लिए फैसला सुरक्षित रखता है और सेवानिवृत्ति से 72 घंटे पहले इसे जारी करता है। सीबीआई और ईडी का एक पूर्व सम्मानित वित्त मंत्री के घर छापे मारना डरावना है।”
इससे पहले श्री चिदम्बरम को मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से उस समय बड़ा झटका लगा जब धन शोधन और भ्रष्टाचार से जुड़े आईएनएक्स मीडिया मामले में उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई।
न्यायाधीश सुनील गौर ने 25 जनवरी को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था । उन्होंने आज फैसला देते हुए श्री चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। जिसके बाद उन्होंने आनन-फानन में शीर्ष अदालत का रुख किया, लेकिन अदालत उठ जाने के कारण उनके मामले का विशेष उल्लेख नहीं हो सका।
श्री चिदम्बरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से मामले पर त्वरित सुनवाई का आग्रह किया था, लेकिन अदालत के उठ जाने के कारण अब याचिका का विशेष उल्लेख बुधवार को साढ़े दस बजे अदालत कक्ष-तीन में किया जाना है।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) दोनों ही जांच एजेंसियों ने श्री चिदम्बरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जांच में सहयोग करने से बच रहे हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना अनिवार्य है ।
श्री चिदम्बरम साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के एयरसेल मैक्सिस सौदे और आईएनएक्स मीडिया के तीन सौ पांच करोड़ रुपए संबंधी मामले में विभिन्न जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। यह सौदे उस समय के हैं जब वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री थे और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के तहत इन्हें मंजूरी दी थी।
ईडी ने श्री चिदम्बरम की जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए दलील दी कि जिन कंपनियों को राशि हस्तांतरित की गई है वे सभी कंपनियां प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से श्री चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम के अधिकार वाली हैं। जांच एजेंसी के पास यह मानने की एक वजह है कि आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से मंजूरी कार्ति चिदंबरम के दखल के बाद दी गई है ।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने पिछले साल 25 जुलाई को श्री चिदम्बरम को दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था जिसे समय समय पर बढ़ाया गया था ।
दिल्ली उच्च न्यायालय से पूर्व केंद्रीय की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज होने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके आवास पर पहुंची, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि एक महिला अधिकारी समेत सीबीआई की छह-सदस्यीय टीम श्री चिदम्बरम को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर पहुंची, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा, क्योंकि वह वहां नहीं मिले।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई टीम के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम भी श्री चिदम्बरम के आवास पर पहुंची और उसे भी बैरंग लौटना पड़ा।


