एसिड से अदरक की धुलाई के बाद पता चला खुलेआम बिक रहा है तेजाब
राजधानी में एसिड से अदरक की धुलाई के बाद एसिड पर प्रतिबंध को लेकर विपक्ष ने फिर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं

नई दिल्ली। राजधानी में एसिड से अदरक की धुलाई के बाद एसिड पर प्रतिबंध को लेकर विपक्ष ने फिर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
सरकार की भर्त्सना करते हुए कहा कि विपक्ष ने कहा है कि सरकार अभी भी अंग्रेजों द्वारा 1919 में बनाए कानून के तहत काम कर रही है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2013 में राज्य सरकारों को प्रभावशाली कानून बनाने का आदेश दिया था। परन्तु लगभग चार साल बीत जाने पर भी दिल्ली सरकार कानून बनाने में असमर्थ रही है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दिल्ली सरकार अब अविलम्ब एसिड की बिक्री और भंडारण पर शक्ति से नियंत्रण करने के लिए कानून लेकर आए।
विपक्ष के नेता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के एसिड की बिक्री को लेकर 2013 के आदेशों के अंतर्गत दिल्ली सरकार ने स्वयं एसिड की बिक्री को नियमित करने के लिए 28 जनवरी, 2014 को विस्तृत आदेश जारी किए थे, लेकिन सरकार की निष्क्रियता के चलते एसिड के दुरूपयोग और एसिड अटैक जैसे अपराधों में निरन्तर वृद्धि हो रही है। यहां तक कि सबडिबिजनल मजिस्ट्रेटों को इन आदेशों को उल्लंघन करने पर 50 हजार रूपए तक जुर्माना लगाने, एसिड खरीदने वाले की पहचान के दस्तावेज की कॉपी लेने के आदेश दिए बावजूद इसके सरकार के ढीलेपन के कारण एसिड खुलेआम बिक रहा है।
उन्होंने बताया कि शौचालय साफ करने के लिए पतला किया हुआ डायल्यूटिड एसिड दिल्ली में सड़कों पर खुलेआम बिक रहा है।


