शिवराज के लिए उपलब्धि किसानों की आत्महत्या है या पुरस्कार? : कांग्रेस
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वर्णिम मध्यप्रदेश का दावा करते हैं, मगर यहां के किसान सूदखोरों के चंगुल में हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वर्णिम मध्यप्रदेश का दावा करते हैं, मगर यहां के किसान सूदखोरों के चंगुल में हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने गुरुवार को एक बयान जारी कहा कि बीते तीन दिनों में कर्ज के बोझ से दबे प्रदेश के छह किसानों ने आत्महत्या कर ली। होशंगाबाद के बाबई में किसान द्वारा आत्महत्या करना शिवराज सरकार के उन दावों की कलई खोलती है, जो 0 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने का दावा करती है। अगर 0 प्रतिशत बयाज पर कर्ज मिल रहा है, तो किसान सूदखोरों के चंगुल में आज भी क्यों हैं?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में सहकारी संस्थाओं के मजबूत ढांचे की वजह से किसानों को सूदखोरों से मुक्ति मिली थी। भाजपा शासन में वह व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, यही कारण है कि आज फिर किसान सूदखोरों के पास जाने को मजबूर हो गया है।
उन्होंने कहा कि यह ताज्जुब की बात है कि प्रदेश को हर वर्ष कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है और उसी अनुपात में किसान आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है। शिवराज को यह भी बताना चाहिए उनके लिए उपलब्धि किसानों की आत्महत्या है या पुरस्कार।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार किसानों की आत्महत्या का मजाक उड़ाती है। वह आत्महत्या करने वाले किसानों पर दारू की लत का शिकार होने का आरोप लगाकर उनका अपमान करती है। शिवपुरी के बिनेका गांव के किसान कल्ला की आत्महत्या को वहां का जिला प्रशासन सरकार के निर्देश पर नशे और तांत्रिक क्रिया में लिप्त होने के कारण मौत होना बता रहा है, जो बेहद शर्मनाक है।


