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स्वास्थ्य व शिक्षा का सुलभ होना सुशासन की आधारशिला : राष्ट्रपति

स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के सुलभ होने को प्राय: सुशासन की आधारशिला समझा जाता है। पिछले सात दशकों के दौरान हमने इन क्षेत्रों में एक लंबा सफर तय किया है

स्वास्थ्य व शिक्षा का सुलभ होना सुशासन की आधारशिला : राष्ट्रपति
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नई दिल्ली। स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के सुलभ होने को प्राय: सुशासन की आधारशिला समझा जाता है। पिछले सात दशकों के दौरान हमने इन क्षेत्रों में एक लंबा सफर तय किया है। सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष बल दिया है। 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, " 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' तथा 'आयुष्मान भारत' जैसे कार्यक्रमों से गरीबों के कल्याण के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त होती है और उन तक प्रभावी सहायता भी पहुंच रही है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, 'आयुष्मान भारत' योजना दुनिया की सबसे बड़ी जन-स्वास्थ्य योजना बन गई है। जन-साधारण के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है। 'जन-औषधि योजना' के जरिए किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध होने से सामान्य परिवारों के इलाज पर होने वाले खर्च में कमी आई है।"

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "प्राचीन काल में ही एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था की आधारशिला नालंदा और तक्षशिला के महान विश्वविद्यालयों में रखी जा चुकी थी। भारत में सदैव ज्ञान को शक्ति, प्रसिद्धि या धन से अधिक मूल्यवान माना जाता है। शैक्षिक संस्थाओं को भारतीय परंपरा में ज्ञान अर्जित करने का स्थान अर्थात विद्या का मंदिर माना जाता है। लंबे समय तक औपनिवेशिक शासन के कारण आई विपन्नता को दूर करने में शिक्षा ही सशक्तीकरण के एक प्रभावी माध्यम के रूप में उभरी है। हमारी आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के आधार का निर्माण आजादी के तुरंत बाद के दौर में प्रारम्भ हुआ था। तब हमारे संसाधन बहुत ही सीमित थे। फिर भी, शिक्षा के क्षेत्र में हमारी कई उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं।"

उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी बच्चा अथवा युवा शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे। साथ ही शिक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए अपनी शिक्षा व्यवस्था को विश्व स्तरीय बनाने के लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहना है।"

इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य के साथ ही खेलों के महत्व पर जोर दिया और प्रवासी भारतीयों के सहयोग को भी खूब सराहा।

उन्होंने कहा, "इसी वर्ष टोक्यो में ओलंपिक खेल आयोजित होने जा रहे हैं। पारंपरिक रूप से कई खेलों में भारत अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। हमारे खिलाड़ियों और एथलीटों की नई पीढ़ी ने हाल के वर्षो में अनेक खेल प्रतियोगिताओं में देश का नाम ऊंचा किया है। ओलंपिक 2020 की खेल प्रतियोगिताओं में भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाओं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी।"

राष्ट्रपति ने कहा, "प्रवासी भारतीयों ने भी सदैव देश का गौरव बढ़ाया है। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान मैंने देखा है कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने न केवल वहां की धरती को अपने परिश्रम से समृद्ध किया है, बल्कि उन्होंने विश्व समुदाय की निगाह में भारत की छवि को भी निखारा है। कई प्रवासियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।"


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