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कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ आतंक के आरोपों को स्वीकारा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद, न्यायाधीश तरुण सहरावत ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि वह आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां दे

कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ आतंक के आरोपों को स्वीकारा
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नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर में आतंक को प्रायोजित करने और उकसाने के आरोपी पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद व सैयद सलाहुदीन और सात अलगाववादी कश्मीरी नेताओं के खिलाफ यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को आतंक के आरोप तय करने को स्वीकृति प्रदान कर दी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद, न्यायाधीश तरुण सहरावत ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि वह आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां दे।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च को निर्धारित की है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 18 जनवरी को जेल में बंद अलगाववादी नेताओं पर सईद और सलाहुदीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने और जम्मू एवं कश्मीर को अलग करने की कथित साजिश के खिलाफ सख्त आतंकरोधी नियमों के तहत आरोप लगाए थे।

एनआईए ने व्यापारी जाहूर अहमद वताली और दो कथित पत्थरबाज कामरान और जावेद अहमद भट के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं।

भट जम्मू एवं कश्मीर के कुलगाम जिले और कामरान पुलवामा जिले का रहने वाला है। इन्हें पांच सितंबर को गिरफ्तार किया गया था जबकि वताली को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।

24 जुलाई 2017 को गिरफ्तार अलगाववादियों में अफताब हिलाली उर्फ शाहिद उल इस्लाम, अयाज अकबर खांदे, फारूख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अलताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्लाह शामिल हैं।

अलताफ अहमद शाह कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद हैं। गिलानी जम्मू एवं कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने की वकालत करते रहे हैं। शाहिद उल इस्लाम नरमपंथी हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक के करीबी है और खांदे, गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत के प्रवक्ता हैं।


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