काशी विद्यापीठ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी)की करारी हार
जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बाद प्रधानमंत्री मोदी के गढ़ वाराणसी में काशी विद्यापीठ में भी भाजपा छात्र संगठन की करारी हार ह

जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बाद प्रधानमंत्री मोदी के गढ़ वाराणसी में काशी विद्यापीठ में भी भाजपा छात्र संगठन की करारी हार हुई है। देश के ज्यादातर सभी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में भाजपा के छात्र संगठन की हर इसी ओर इशारा कर रही है किछात्र राजनीति में भाजपा का पतन तय है। युवा अब प्रधानमंत्री मोदी की ताकत नहीं बनना चाहते। इसीलिए लगातार एबीवीपी की हार देखने को मिल रही है।
उत्तर प्रदेश में भले ही भाजपा ने सत्ता हासिल की हो लेकिन काशी विद्यापीठ में हुए छात्र संघ के चुनावों में एबीवीपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करते हुए सपा के छात्र संगठन समाजवादी छात्र सभा से बागी हुए नेता राहुल दुबे ने 2,365 वोटों से एबीवीपी को करारी मात दी। वहीं उपाध्यक्ष पद पर भी एबीवीपी का सपना अधूरा ही रह गया। और सपा के उम्मीदवार रोशन कुमार ने जीत का डंका बजाया। जबकि महामंत्री पद पर निर्दलीय उम्मीदवार अनिल यादव को जीत मिली। इनके अलावा चौथी सीट सपा-भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के साझा उम्मीदवार रवि प्रताप सिंह ने जीती।
हालांकि एबीवीपी वोटों में काफी पास रही लेकिन किसी को भी एक सीट हासिल नहीं हो पाई।
इस हार से साफ है कि भाजपा को नगर निगम चुनावों से पहले तगड़ा झटका लगा है। क्योंकि जब युवाओं ने अभी भाजपा का साथ नहीं दिया तो नगर निगम चुनाव में तो भाजपा के लिए मुश्किल बढ़ना लाजिमी है।
खैर ये तो आने वाले वक्त में ही देखना होगा किभाजपा को इस हार का कितना खमियाजा भुगतना पड़ता है।


