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यूएई पर हमले से पूरी दुनिया में हलचल

अमेरिका, यूके, फ्रांस समेत कई देशों और संयुक्त राष्ट्र ने यमन के हूथियों द्वारा अबू धाबी पर हमले की निंदा की है.

यूएई पर हमले से पूरी दुनिया में हलचल
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सोमवार 17 जनवरी को अबू धाबी पर हुए हमले की जिम्मेदारी यमन के हूथी पहले ही ले चुके हैं. हमले में दो भारतीयों समेत तीन लोग मारे गए थे.

हुथियों ने घोषणा की थी कि उन्होंने मिसाइलों और ड्रोनों की मदद से अबू धाबी में ईंधन से भरे हुए ट्रकों पर हमला किया था जिससे धमाके हुए. धमाकों में तीन लोग मारे गए और अबू धाबी के हवाई अड्डे के पास आग लग गई.

हर तरफ निंदा

हूथी सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि उनके समूह ने अबू धाबी के साथ साथ दुबई के हवाई अड्डे, मुसफ्फा में एक तेल रिफाइनरी और यूएई के कई दूसरे संवेदनशील स्थलों पर भी पांच बैलिस्टिक मिसाइलें और "बहुत सारे" ड्रोन दागे.

यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यूएई हूथी मिलिशिया द्वारा अमीराती जमीन पर किए इस आतंकवादी हमले की निंदा करता है. इन हमलों की सजा दी जाएगी. यूएई के पास इन हमलों का जवाब देने का पूरा अधिकार है."

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलिवन ने कहा, "हुथियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और हम यूएई और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिल कर हुथियों को जवाबदेह बनाएंगे."

सलिवन ने यह भी कहा, "यूएई की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबढ़ता अटल है और हम हमारे अमीराती साझेदारों द्वारा सामना किए जा रहे हर खतरे के खिलाफ उनके साथ खड़े हैं." अबू धाबी यूएई की राजधानी है और यूएई सऊदी अरब के नेतृत्व में उस सैन्य गठबंधन का सदस्य है जो हुथियों के खिलाफ यमन की सरकार का समर्थन करता है.

गहराया संघर्ष

हुथियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है जिन्होंने सऊदी अरब के सीमा पार से कई हमले किए हैं. सलिवन के बयान के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भी यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाहयान से बात की.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस के मुताबिक ब्लिंकेन ने हमलों की निंदा की और अमीरात के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की. फ्रांस ने कहा की हमले से इलाके की स्थिरता पर खतरा पैदा हो गया है.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने यूएई पर हमले की निंदा की और अपील की कि "सभी पक्षों को अधिकतम संयम बरतने और मामले को किसी भी तरह से बढ़ने से रोकने" के प्रयास करने चाहिए.

यमन में यह संघर्ष पिछले कई सालों से चल रहा है और इसमें अभी तक 3,77,000 लोग मारे जा चुके हैं. हाल के हफ्तों में संघर्ष और गहरा गया है. लाखों लोग अपने घर छोड़ कर जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग अकेला के कगार पर पहुंच गए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इसे दुनिया का सबसे बुरा मानवीय संकट बताया है.

क्या करेगा यूएई

खाड़ी में अमेरिका के एक अग्रणी मित्र देश पर हमले से हुथियों और सऊदी गठबंधन के बीच छिड़ा युद्ध एक नए स्तर पर पहुंच गया है. अमेरिका और ईरान इस समय परमाणु संधि को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और इस हमले से तनाव और बढ़ सकता है.

सऊदी गठबंधन के तहत यूएई ने यमन के स्थानीय सैनिकों को प्रशिक्षण भी दिया है और हथियार भी दिए हैं. इन सैनिकों ने हाल ही में यमन के ऊर्जा उत्पादन केंद्रों शबवा और मारिब में हूथियों के खिलाफ लड़ना शुरू किया था.

रिस्क इंटेलिजेंस कंपनी वेरिस्क मेपलक्रॉफ्ट में मुख्य मेना समीक्षक तोरब्योर्न सॉटवेट ने कहा, "(परमाणु) वार्ताकारों के पास समय खत्म हो रहा है और इस प्रांत के सुरक्षा माहौल में गिरावट का जोखिम बढ़ता जा रहा है."

सोमवार को ही सऊदी अरब पर भी आठ ड्रोन छोड़े गए थे जिन्हें सऊदी ने रोक लिया. इन हमलों के बाद सऊदी गठबंधन ने यमन की राजधानी सना पर हवाई हमले किए. सना हूथियों के कब्जे में है.


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